Ranchi में आदिवासी संगठनों का बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 1000 जवान तैनात

Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची में आज (22 मार्च) आदिवासी संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। यह बंद रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे फ्लाईओवर के रैंप को हटाने की मांग को लेकर बुलाया गया है। बंद को देखते हुए रांची पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, हाई अलर्ट पर रांची
बंद को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने शहर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। किसी भी प्रकार की हिंसा या उपद्रव से निपटने के लिए प्रशासन ने विशेष निगरानी की व्यवस्था की है। शहरभर में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, बंद समर्थकों की गतिविधियों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जा रही है, ताकि किसी भी उपद्रवी को चिन्हित कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।
फ्लाईओवर रैंप पर विवाद, सरना स्थल की अवहेलना का आरोप
आदिवासी संगठनों का आरोप है कि रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे फ्लाईओवर का रैंप मुख्य द्वार के सामने आ रहा है। इससे सरना स्थल जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सरना समाज के लोग सरहुल जैसे प्रमुख त्योहारों पर बड़ी संख्या में वहां पहुंचते हैं। ऐसे में फ्लाईओवर का रैंप उनके लिए बाधा बन सकता है। इसी को लेकर आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है और बंद का आह्वान किया है।
स्कूल-कॉलेज बंद, आवश्यक सेवाओं को छूट
बंद के चलते रांची के कई स्कूलों और कॉलेजों को एहतियातन बंद रखा गया है। हालांकि, बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। इसमें अस्पताल, एंबुलेंस, दवा की दुकानें और परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी शामिल हैं।
1000 से अधिक जवान तैनात, ड्रोन से निगरानी
बंद को लेकर रांची पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है। शहरभर में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरों के जरिए बंद समर्थकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
हिंसा करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
रांची पुलिस ने बंद समर्थकों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि बंद के दौरान हिंसा, तोड़फोड़ या अराजकता फैलाई गई तो आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात कर्मी सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
पहले भी हुआ था अनोखा प्रदर्शन
बंद से पहले आदिवासी संगठनों ने एक अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन समेत 30 से अधिक आदिवासी विधायकों की शवयात्रा निकालकर विरोध दर्ज कराया था। इस प्रदर्शन के बाद ही बंद का आह्वान किया गया।
बंद से जनजीवन प्रभावित, लोग खुद टाल रहे हैं कार्यक्रम
बंद के चलते रांची में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई लोगों ने अपने तय कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं और बाजारों में भी सन्नाटा पसरा है। रांची की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम है।
विधानसभा सत्र पर भी असर, विधायकों को पहुंचने में मुश्किल
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र भी इन दिनों रांची में चल रहा है। 81 विधानसभा सीटों से निर्वाचित विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर विधानसभा में पहुंच रहे हैं। हालांकि, बंद के चलते विधायकों को विधानसभा पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की अपील – शांति बनाए रखें
रांची जिला प्रशासन और पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रांची में आदिवासी संगठनों के बंद के चलते सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। बंद का असर आम जनजीवन पर साफ नजर आ रहा है। वहीं, पुलिस ने उपद्रवियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि बंद के दौरान किसी भी तरह की अराजकता करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।