Rahul Gandhi ने खोली भारत की वस्त्र विरासत की परतें कपड़ों में छिपी चुनौतियों पर किया बड़ा खुलासा

लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने दिल्ली में एचपी सिंह फैब्रिक्स की दुकान का दौरा किया। यहां उन्होंने भारत के वस्त्र उद्योग को नज़दीक से समझने की कोशिश की। उन्होंने अलग अलग तरह के कपड़ों और उनकी बनावट के बारे में जानकारी ली और लोगों से बातचीत भी की।
वस्त्र परंपरा में है विविधता लेकिन चुनौतियां भी हैं
Rahul Gandhi ने कहा कि भारत की वस्त्र विरासत अनोखी है और हर सौ किलोमीटर पर एक नई कला और नई कहानी देखने को मिलती है। लेकिन दुख की बात यह है कि हमारी कपास की खेती और बीज विदेशी कंपनियों पर निर्भर हैं और किसानों को उनकी मेहनत के अनुसार भुगतान नहीं मिलता।
फैब्रिक्स की आपूर्ति श्रृंखला को समझा गया
Rahul Gandhi ने बताया कि उन्होंने एचपी सिंह फैब्रिक्स के परिवार से मिलकर इस बात को समझा कि एक साधारण कपास के फूल से कपड़ा बनने तक की प्रक्रिया कैसी होती है। उन्होंने इस पूरी आपूर्ति श्रृंखला को बेहद पेचीदा और बिखरी हुई बताया।
India’s textile legacy is unmatched—every 100 km, a new art form and a new story. But today, the majority of our cotton seeds and farming technology depend on foreign companies, our farmers remain underpaid, and our supply chains are deeply fragmented.
I recently met with the… pic.twitter.com/wkW6HME9Bl
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 5, 2025
भारत बन सकता है वैश्विक वस्त्र केंद्र
Rahul Gandhi ने विश्वास जताया कि अगर सरकार सही फैसले ले तो भारत फिर से कपड़ा उद्योग में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। इसके लिए देशी कपास पर निवेश और वस्त्र उद्योग को एकीकृत करने की जरूरत है साथ ही एक भारत-नेतृत्व वाला वैश्विक प्रमाणन तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए।
कपड़े से जुड़ी बातचीत का गहरा अर्थ
Rahul Gandhi ने कहा कि उनकी यह बातचीत सिर्फ वस्त्रों को लेकर नहीं थी बल्कि यह सम्मान टिकाऊ विकास और आत्मनिर्भरता से जुड़ी थी। उन्होंने कहा कि भारत के हर हिस्से में एक नई वस्त्र परंपरा है लेकिन इन खूबसूरत चीज़ों के पीछे कई गंभीर चुनौतियां छिपी हैं।