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Bengaluru Metro रेल निगम द्वारा मेट्रो किराए में 50% की वृद्धि, नए टैरिफ और पीक-आवर डिस्काउंट की घोषणा

Bengaluru Metro रेल निगम लिमिटेड (BMRCL) ने शनिवार को मेट्रो रेल के किराए में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की, जो कि रविवार, 9 फरवरी 2025 से प्रभावी हो जाएगी। यह वृद्धि फेयर फिक्सेशन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर की गई है, साथ ही पीक और नॉन-पीक घंटों के लिए नए टैरिफ भी लागू किए गए हैं, जो अब ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवा के समान होंगे।

BMRCL द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, मेट्रो किराए में की गई वृद्धि के बाद अधिकतम किराया 60 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही न्यूनतम बैलेंस भी 50 रुपये से बढ़ाकर 90 रुपये कर दिया गया है।
इस बदलाव के पीछे फेयर फिक्सेशन कमेटी द्वारा 16 दिसंबर 2024 को की गई सिफारिशें हैं, जिन्हें BMRCL के बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई है। मेट्रो सेवा के संचालन में सुधार और लागतों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

नई किराया संरचना

नई किराया संरचना में विभिन्न दूरी के हिसाब से किराए का निर्धारण किया गया है। यहां पर प्रत्येक दूरी के लिए निर्धारित किराया दिया गया है:

  • 0-2 किमी: 10 रुपये
  • 2-4 किमी: 20 रुपये
  • 4-6 किमी: 30 रुपये
  • 6-8 किमी: 40 रुपये
  • 8-10 किमी: 50 रुपये
  • 10-12 किमी: 60 रुपये
  • 15-20 किमी: 70 रुपये
  • 20-25 किमी: 80 रुपये
  • 25 किमी और उससे अधिक: 90 रुपये

यह टैरिफ वृद्धि, पिछले किराए के मुकाबले अधिक होने के कारण यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकती है।

पीक-आवर टैरिफ सिस्टम

BMRCL ने एक नए पीक-आवर टैरिफ सिस्टम की भी घोषणा की है, जिसमें पीक घंटों के दौरान स्मार्ट कार्ड पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, नॉन-पीक घंटों के दौरान यात्रा करने पर भी 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी, जिससे कुल छूट 10 प्रतिशत तक हो जाएगी।

नॉन-पीक घंटों के तहत मेट्रो सेवा का समय सुबह 8 बजे तक, दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक, और रात 9 बजे से बंद होने तक निर्धारित किया गया है। मेट्रो अधिकारियों ने यह भी कहा कि रविवार और राष्ट्रीय छुट्टियों पर स्मार्ट कार्ड पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिससे यात्रियों को और अधिक राहत मिलेगी।

किराए की बढ़ोतरी के बाद की प्रतिक्रिया

यह किराया वृद्धि कर्नाटका राज्य सरकार द्वारा बस किराए में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद आई है। पिछले महीने, बेंगलुरू केंद्रीय सांसद पी.सी. मोहन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा था कि मेट्रो किराए में 45 प्रतिशत की वृद्धि को 1 फरवरी को रोक दिया गया था। उन्होंने कहा था, “मोदी सरकार ने BMRCL को एक समग्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया है, इससे पहले कोई निर्णय लिया जाएगा। यह बेंगलुरूवासियों के लिए बड़ी जीत है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और उचित मेट्रो मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करेगा।”

किराए में वृद्धि का प्रभाव

मेट्रो किराए में वृद्धि का असर बेंगलुरू के लाखों यात्रियों पर पड़ेगा, जो रोजाना मेट्रो का उपयोग करते हैं। यह निर्णय नागरिकों को प्रभावित करेगा, जो पहले से ही महंगाई और बढ़ते परिवहन खर्चों से जूझ रहे हैं। वहीं, BMRCL अधिकारियों का कहना है कि इस वृद्धि का उद्देश्य मेट्रो के संचालन की लागत को संतुलित करना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

मेट्रो द्वारा किराए में वृद्धि के बावजूद, यात्रियों को परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए स्मार्ट कार्ड पर छूट और नॉन-पीक घंटों में डिस्काउंट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन फिर भी इस वृद्धि के कारण कई लोग असंतुष्ट हो सकते हैं।

क्या हैं संभावित कारण?

मेट्रो किराए में वृद्धि के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

  1. ऑपरेशनल लागतों में वृद्धि: मेट्रो के संचालन की लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें ऊर्जा लागत, कर्मचारियों के वेतन, और रखरखाव लागत शामिल हैं।
  2. यात्रियों की संख्या में कमी: लॉकडाउन और महामारी के बाद, मेट्रो सेवाओं में यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप मेट्रो को अपनी संचालन लागत को पूरा करने के लिए अधिक किराया बढ़ाने की आवश्यकता पड़ी है।
  3. नई सुविधाओं का समावेश: BMRCL ने मेट्रो सेवा के संचालन को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए नई सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है, जिससे कुछ अतिरिक्त खर्च हुआ है।
  4. राजस्व की कमी: सरकारी सब्सिडी में कमी और मेट्रो द्वारा उत्पन्न होने वाले राजस्व में उतार-चढ़ाव के कारण यह किराया वृद्धि की गई है।

अंत में…

बेंगलुरू मेट्रो किराए में वृद्धि और पीक-आवर टैरिफ प्रणाली की घोषणा के बाद यात्रियों के लिए यह समय एक नई चुनौती प्रस्तुत करता है। हालांकि, BMRCL ने स्मार्ट कार्ड पर छूट और नॉन-पीक घंटों में विशेष छूट जैसी सुविधाओं का प्रस्ताव दिया है, लेकिन किराए में यह वृद्धि अभी भी कई लोगों के लिए आर्थिक चुनौती बन सकती है।

अब यह देखना होगा कि बेंगलुरूवासी इस बदलाव को किस तरह से अपनाते हैं और सरकार और BMRCL इसे कैसे संतुलित करते हैं, ताकि शहर की मेट्रो सेवा यात्रियों के लिए सुलभ और किफायती बनी रहे।

 

 

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