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भारत ने Coal Production में बनाया रिकॉर्ड, वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक अरब टन का आंकड़ा पार

Coal Production: भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोयला उत्पादन में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक अरब टन (1 बिलियन टन) का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह उपलब्धि ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कोयला, भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का प्रमुख स्रोत है, जिससे देश की लगभग 74 प्रतिशत बिजली का उत्पादन किया जाता है।

रिकॉर्ड कोयला उत्पादन: लक्ष्य से 11 दिन पहले हासिल किया मुकाम

भारत ने 20 मार्च 2025 को वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार किया। देश में अब तक कुल 100 करोड़ टन (1 बिलियन टन) कोयला उत्पादन किया जा चुका है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के कुल 997.83 मिलियन टन उत्पादन के मुकाबले 11 दिन पहले ही पूरा कर लिया गया।

भारत का कोयला उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। 2023-24 में भारत ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच 997.83 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था। इस साल कोयला उत्पादन ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1 बिलियन टन का आंकड़ा छू लिया, जो ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कोयला आधारित बिजली उत्पादन की भूमिका

भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं में कोयले का महत्वपूर्ण योगदान है। देश में कुल बिजली उत्पादन का करीब 74 प्रतिशत हिस्सा कोयला आधारित पावर प्लांट्स से आता है। देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए कोयला महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत सरकार ने कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं, जिनमें कोयला खदानों का निजीकरण, नई तकनीक का उपयोग और उत्पादन क्षमता में वृद्धि शामिल है।

कोयला आयात में कमी, विदेशी मुद्रा की बचत

भारत में कोयला उत्पादन बढ़ने के कारण आयात में कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच भारत का कोयला आयात 8.4 प्रतिशत घटा है, जिससे देश को करीब 42,315.7 करोड़ रुपये (5.43 बिलियन डॉलर) की विदेशी मुद्रा बचत हुई।

कोयला आयात में गिरावट का मुख्य कारण घरेलू उत्पादन में वृद्धि और सरकारी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में कोयला आयात को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए ताकि विदेशी मुद्रा की बचत हो और देश आत्मनिर्भर बन सके।

पीएम मोदी ने बताया गर्व का क्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा,

“वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक अरब टन कोयला उत्पादन भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कोयला क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों और सभी हितधारकों की मेहनत का परिणाम है।

कोयला मंत्री किशन रेड्डी ने दी बधाई

केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री गुरूवल्ला किशन रेड्डी ने इस सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा,

“यह उपलब्धि हमारी बढ़ती बिजली मांग को पूरा करेगी, आर्थिक विकास को गति देगी और हर भारतीय के लिए उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगी।”

मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोयला उत्पादन को 108 करोड़ टन (1.08 बिलियन टन) तक पहुंचाना है।

कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार ने कोयला उत्पादन में वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

  1. वाणिज्यिक कोयला खनन: सरकार ने वाणिज्यिक कोयला खनन को निजी कंपनियों के लिए खोला है, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।
  2. तकनीक और नवाचार: कोयला खदानों में नई तकनीक और आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ा है, जिससे उत्पादन दर में सुधार हुआ है।
  3. नीति सुधार: सरकार ने कोयला नीलामी प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिससे नई खदानों को तेजी से विकसित किया जा रहा है।
  4. पर्यावरणीय संतुलन: कोयला खनन के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए पुनर्वनीकरण और खदानों के पुनर्विकास पर जोर दिया जा रहा है।

भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

भारत में कोयला उत्पादन में यह वृद्धि न केवल ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देती है। कोयला उत्पादन में वृद्धि से:

  • बिजली उत्पादन की लागत कम होगी।
  • औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
  • विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
  • कोयला क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

भविष्य की योजनाएं

भारत सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन को 108 करोड़ टन (1.08 बिलियन टन) तक पहुंचाना है। इसके लिए नई खदानों की नीलामी, निजी क्षेत्र की भागीदारी और कोयला खनन की प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा।

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