Investment पर बढ़ती जागरूकता, एफडी और स्मॉल सेविंग्स स्कीम में कौन है बेहतर?

Investment: पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों की सोच में बड़ा बदलाव आया है। वे पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। हालांकि, अभी भी कई निवेशक ऐसे हैं जो बिना अपनी जरूरत समझे, किसी मित्र या सलाहकार की सलाह पर निवेश कर देते हैं। ऐसा करना पूरी तरह से गलत है। निवेश करने से पहले व्यक्ति को अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्य का आकलन करना चाहिए। इससे सही निवेश उत्पाद चुनने में मदद मिलती है और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
आज हम आपको बताएंगे कि एक सामान्य निवेशक के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (Small Savings Schemes) में से कौन बेहतर विकल्प है।
ब्याज दर की तुलना करें
यदि आप एफडी (FD) या स्मॉल सेविंग्स स्कीम में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले उनके ब्याज और अन्य लाभों की तुलना अवश्य करें। आमतौर पर, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर सालाना 6.7% से 7% तक ब्याज मिलता है। वहीं, 5 वर्षीय टैक्स सेविंग एफडी (Tax Saving FD) पर ब्याज दर थोड़ी अधिक होती है।
दूसरी ओर, यदि हम स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की बात करें तो:
- पीपीएफ (PPF) पर वर्तमान में 7.10% वार्षिक ब्याज मिल रहा है।
- सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) पर 8.20% ब्याज दिया जा रहा है।
- सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Account) में भी 8.20% का ब्याज मिल रहा है।
- राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) पर 7.7% ब्याज उपलब्ध है।
- किसान विकास पत्र (KVP) पर 7.5% की दर से ब्याज मिल रहा है।
कर बचत का ध्यान रखें
अगर आप कम टैक्स ब्रैकेट या शून्य टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो यह अधिक मायने नहीं रखता कि आप एफडी में निवेश कर रहे हैं या स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में। ऐसी स्थिति में आपको सिर्फ यह देखना चाहिए कि कहां अधिक ब्याज मिल रहा है और कहां आपका निवेश सुरक्षित है।
लेकिन यदि आप उच्च टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती हैं क्योंकि इनमें कुछ योजनाओं में ब्याज पर टैक्स छूट भी मिलती है। उदाहरण के लिए, पीपीएफ (PPF) में निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। वहीं, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में भी टैक्स छूट का फायदा मिलता है।
तरलता और लॉक-इन अवधि पर नजर डालें
अगर आपको निकट भविष्य में पैसे की जरूरत पड़ सकती है, तो एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यह छोटी अवधि के लिए भी उपलब्ध होती है। वहीं, स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में लॉक-इन अवधि अधिक होती है। उदाहरण के लिए, पीपीएफ (PPF) में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, हालांकि, 7 साल बाद आंशिक निकासी की सुविधा दी जाती है।
अगर आपकी जरूरतें मध्यम अवधि (5 से 10 साल) की हैं, तो एनएससी (NSC) या केवीपी (KVP) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
अगर आप कम जोखिम वाला और फ्लेक्सिबल निवेश चाहते हैं तो एफडी (FD) आपके लिए सही हो सकता है। लेकिन अगर आप अधिक ब्याज दर और टैक्स सेविंग का लाभ लेना चाहते हैं, तो स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स बेहतर हो सकती हैं।
- कम अवधि (1-5 साल) के लिए → FD बेहतर विकल्प
- लंबी अवधि (10-15 साल) के लिए → PPF या सुकन्या समृद्धि योजना फायदेमंद
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए → SCSS सबसे अच्छा विकल्प