व्यापार

क्या नए ITR फॉर्म से करदाताओं को होगी परेशानी या होगा आसान टैक्स भरने का तरीका?

आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए नया ITR फॉर्म जारी किया है जिसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं। अब करदाताओं को रिटर्न फाइल करते समय कई नई जानकारी देनी होगी। इन बदलावों का उद्देश्य करदाताओं से अधिक जानकारी प्राप्त करना है ताकि टैक्स भुगतान सही तरीके से हो सके।

TDS की जानकारी अब अलग से देनी होगी

नए ITR फॉर्म में TDS की जानकारी भी विस्तार से देनी होगी। अब करदाताओं को आय के विभिन्न स्रोतों जैसे सैलरी, ब्याज, डिविडेंड आदि पर कटा हुआ TDS दिखाना होगा। इस बदलाव से पहले करदाताओं को यह जानकारी फॉर्म में नहीं देनी पड़ती थी।

क्या नए ITR फॉर्म से करदाताओं को होगी परेशानी या होगा आसान टैक्स भरने का तरीका?

LTCG पर अब ITR-1 में भी कर सकते हैं फाइल

यदि आपके पास ₹1.25 लाख तक का LTCG (Long-Term Capital Gains) है और आप स्टॉक्स और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से निवेश कर रहे हैं तो अब आप ITR-1 के जरिए रिटर्न फाइल कर सकते हैं। पहले इसे ITR-2 या ITR-3 के माध्यम से फाइल करना पड़ता था। इस बदलाव से रिटर्न फाइल करना और भी आसान हो जाएगा।

ITR-1 और ITR-4 का दायरा बढ़ा

ITR-1 और ITR-4 के दायरे में भी अब बढ़ोतरी की गई है। अब जो लोग ₹1.25 लाख तक का LTCG कमा रहे हैं वे आसानी से इन फॉर्म्स के माध्यम से रिटर्न फाइल कर सकते हैं। पहले इसे जटिल फॉर्म्स में करना पड़ता था।

आधिकारिक आंकड़ों से मिलान जरूरी

अब जो TDS जानकारी फॉर्म में भरी जाएगी उसे 26AS/AIS से मिलाकर चेक करना जरूरी होगा। इसके अलावा, ₹1 करोड़ से ज्यादा की आय वाले करदाताओं को अपनी संपत्तियों और देनदारियों का भी ब्योरा देना होगा। पहले यह सीमा ₹50 लाख थी लेकिन अब यह ₹1 करोड़ कर दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button