भारत में थोक महंगाई दर दो साल के न्यूनतम स्तर पर, जुलाई में -0.58 प्रतिशत रही

भारत में थोक महंगाई दर (WPI) जुलाई में घटकर -0.58% पर आ गई है, जो पिछले दो वर्षों का सबसे निचला स्तर है। यह लगातार दूसरे महीने नकारात्मक दायरे में रही है। जून में यह -0.13% थी। थोक महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों के दाम घटने, साथ ही खनिज तेल, कच्चा पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और बेसिक मेटल्स की कीमतों में कमी के कारण दर्ज की गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मार्च से ही थोक महंगाई लगातार घट रही है और मई में यह 14 महीने के निचले स्तर 0.39% पर पहुंच गई थी। जून 2025 की तुलना में जुलाई 2025 का WPI भी घटकर 0.39% पर दर्ज हुआ।
खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में बदलाव
जुलाई में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर -2.15% रही, जबकि जून में यह -0.26% थी। मंत्रालय के मासिक आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में प्राथमिक वस्तुओं के दाम 1.18% बढ़कर 188.0 अंक पर पहुंच गए। इस दौरान कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के दाम 2.56%, गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम 2.11% और खाद्य वस्तुओं के दाम 0.96% बढ़े। हालांकि, खनिजों की कीमतों में 1.08% की गिरावट देखी गई। ईंधन और बिजली का सूचकांक जुलाई में 1.12% बढ़कर 144.6 अंक पर पहुंचा, जबकि विनिर्मित उत्पादों का सूचकांक जून के 144.8 से घटकर जुलाई में 144.6 अंक हो गया।

सब्जियों, दालों और अन्य खाद्य वस्तुओं की महंगाई में गिरावट
जुलाई में सब्जियों की थोक महंगाई -28.96% रही, जो जून में -22.65% थी। दालों की महंगाई -15.12% रही, जबकि गेहूं की महंगाई 4.40% पर दर्ज हुई। अंडे, मांस और मछली में महंगाई जुलाई में -1.09% रही, जो जून में -0.29% थी। आलू और प्याज के दामों में भी भारी गिरावट आई—आलू की महंगाई -41.26% और प्याज की महंगाई -44.38% रही। यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है, हालांकि किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन सकती है।
गैर-खाद्य वस्तुओं और खनिज महंगाई का रुझान
गैर-खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई जुलाई में 3.40% रही, जो जून में 2.29% थी। खनिज महंगाई जून के 0.83% से बढ़कर जुलाई में 1.06% पर पहुंची। वहीं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की थोक महंगाई जुलाई में -11.15% रही, जबकि सिर्फ कच्चे पेट्रोलियम की महंगाई -14.86% दर्ज हुई। ईंधन और बिजली की महंगाई जुलाई में -2.43% रही, जो जून के -2.65% से मामूली बेहतर है। कुल मिलाकर, जुलाई के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि थोक महंगाई दर में गिरावट जारी है, लेकिन कुछ श्रेणियों में कीमतें बढ़ने लगी हैं, जिससे आने वाले महीनों में रुझान बदल सकता है।
