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PM Modi Sri Lanka visit: हंबनटोटा की घेराबंदी में भारत की नई चाल PM मोदी की श्रीलंका यात्रा से चीन को झटका

PM Modi Sri Lanka visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन की यात्रा पर शुक्रवार शाम कोलंबो पहुंचे। एयरपोर्ट पर श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेराथ सहित कई मंत्री उनका स्वागत करने पहुंचे। यह पिछले सात महीनों में श्रीलंका में किसी विदेशी नेता की पहली यात्रा है जो कई मायनों में खास मानी जा रही है।

 चौथी बार श्रीलंका पहुंचे पीएम मोदी

यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद श्रीलंका की चौथी यात्रा है। इस बार के दौरे में मुख्य फोकस भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। खासकर रक्षा ऊर्जा व्यापार और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में बातचीत हो रही है।

 पहली बार रक्षा समझौते पर सस्पेंस

इस यात्रा में सबसे ज्यादा चर्चा रक्षा समझौते को लेकर है क्योंकि भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार ऐसा कोई डिफेंस एग्रीमेंट होने जा रहा है। कुल मिलाकर दस समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है जिनमें रक्षा समझौता सबसे अहम माना जा रहा है। यह समझौता चीन के प्रभाव को कम करने का बड़ा कदम हो सकता है।

हंबनटोटा बंदरगाह बना तनाव का केंद्र

हंबनटोटा बंदरगाह जो समुद्री व्यापार का अहम हिस्सा है उसे श्रीलंका ने चीन को 99 साल की लीज पर दे दिया था। यह बंदरगाह चीन की रणनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है जिससे भारत और श्रीलंका के बीच रिश्तों में खटास आई थी। अब भारत फिर से श्रीलंका के साथ भरोसे का रिश्ता बनाना चाहता है।

चीन के कर्जजाल से बाहर लाने की कोशिश

श्रीलंका पर चीन का भारी कर्ज है और हाल ही में उसने चीन के साथ तीन दशमलव सात अरब डॉलर की डील की है। भारत अब श्रीलंका को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर स्वास्थ्य और मल्टी सेक्टोरल ग्रांट सहायता जैसे क्षेत्रों में मदद देकर एक विश्वसनीय साझेदार बनाना चाहता है। मछुआरों की रिहाई और लौटाने पर भी बातचीत होगी।

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