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Delhi के Akbar Road पर फिर भड़का विवाद, शरारती लोगो ने बोर्ड पर पोती काली स्याही, महाराणा प्रताप के पोस्टर लगाए

Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर अकबर रोड को लेकर विवाद छिड़ गया है। बीती रात कुछ शरारती तत्वों ने अकबर रोड के साइनबोर्ड पर काली स्याही पोत दी और उस पर महाराणा प्रताप के पोस्टर चिपका दिए। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के समय ये लोग कंधे पर पट्टियां बांधकर पहुंचे थे और उन्होंने नारेबाजी भी की।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, देर रात कुछ लोग अकबर रोड पहुंचे और वहां के साइनबोर्ड पर काली स्याही पोत दी। यह साइनबोर्ड भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास के पास स्थित था। इसके बाद शरारती तत्वों ने महाराणा प्रताप जी के पोस्टर साइनबोर्ड पर चिपकाए और जमकर नारेबाजी की।

इसके बाद ये लोग मौके से फरार हो गए। पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर पोस्टरों को हटाया और साइनबोर्ड पर लगी काली स्याही को साफ करवाया।

वीवीआईपी क्षेत्र में हुई घटना, सुरक्षा पर सवाल

गौरतलब है कि यह घटना दिल्ली के सबसे वीवीआईपी क्षेत्र में हुई, जहां से कुछ ही दूरी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आवास और कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय स्थित है। इसके बावजूद शरारती तत्वों का इस तरह साइनबोर्ड को काला करना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोग हिंदू राष्ट्र नव निर्माण सेना से जुड़े हो सकते हैं। दरअसल, वीडियो फुटेज में दिख रहे व्यक्ति अमित राठौड़ को हिंदू राष्ट्र नव निर्माण सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक बताया जा रहा है। उसने खुद इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर इस घटना की जिम्मेदारी ली है।

घटना के पीछे संगठन का इरादा

जानकारी के अनुसार, हिंदू राष्ट्र नव निर्माण सेना का उद्देश्य है कि देश के ऐतिहासिक स्थलों, मार्गों और संस्थानों का नाम भारतीय महापुरुषों के नाम पर रखा जाए। संगठन लंबे समय से अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड रखने की मांग कर रहा है।

पिछले महीने भी हुई थी ऐसी घटना

यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पिछले महीने अकबर रोड और हुमायूं रोड पर ऐसे ही साइनबोर्ड को काला कर दिया गया था। उस समय कुछ लोगों ने मराठी फिल्म ‘छावा’ देखने के बाद साइनबोर्ड पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पोस्टर चिपकाए थे। इसके बाद भी पुलिस ने नारेबाजी करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया था।

स्थानीय लोगों में नाराजगी

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद शरारती तत्व वीवीआईपी क्षेत्र में पहुंचकर इस तरह की हरकत कर जाते हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पाती।

राजनीतिक विवाद भी गरमाया

इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण असामाजिक तत्व वीवीआईपी क्षेत्र में इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।

पोस्टरों को हटाने के बाद भी विरोध जारी

दिल्ली पुलिस ने घटना के तुरंत बाद पोस्टर हटा दिए और साइनबोर्ड को साफ कर दिया। इसके बावजूद हिंदू राष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर घटना की जिम्मेदारी लेते हुए फिर से अकबर रोड का नाम बदलने की मांग उठाई है।

पुलिस का बयान

दिल्ली पुलिस ने घटना को लेकर कहा,
“हमने मौके से साक्ष्य जुटा लिए हैं। मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग की तलाश

पुलिस ने बताया कि घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।

वीवीआईपी इलाके में सुरक्षा पर सवाल

घटना के बाद दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि रक्षा मंत्री और अन्य वीवीआईपी लोगों के आवास के पास इस तरह की घटना का होना पुलिस की नाकामी दर्शाता है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर विवाद तेज हो गया है। कई लोग इसे राजनीतिक एजेंडे से जोड़ रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे ऐतिहासिक विरासत के प्रति आक्रोश का प्रदर्शन बता रहे हैं।

महाराणा प्रताप बनाम अकबर विवाद

गौरतलब है कि अकबर और महाराणा प्रताप के बीच ऐतिहासिक विवाद को लेकर अक्सर समाज में बहस होती रहती है। हिंदू संगठनों का मानना है कि अकबर एक आक्रमणकारी था, जबकि महाराणा प्रताप ने देश की रक्षा के लिए संघर्ष किया था।

पुलिस की अपील

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।

दिल्ली के अकबर रोड पर हुए इस विवाद ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंदू राष्ट्र नव निर्माण सेना का यह प्रदर्शन पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुट गई है। आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो सकती है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करेगी।

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