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एल्विश यादव के विवादास्पद बयान पर महिला आयोग का कड़ा एक्शन, 17 फरवरी को पेश होने का आदेश

यूट्यूब सेंसेशन एल्विश यादव इन दिनों अपनी हंसी-ठहाके से भरी शोज़ और पॉडकास्ट के जरिए दर्शकों के बीच चर्चा में हैं। लेकिन उनकी बेबाकी और बेजोड़ टिप्पणी की वजह से वह अक्सर विवादों में घिर जाते हैं। हाल ही में उन्होंने बिग बॉस 18 की पूर्व प्रतियोगी चुम दारंग पर अपनी टिप्पणी की थी, जो अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने एल्विश यादव को समन भेजा है और उनसे 17 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। इस बयान पर गंभीर एक्शन लेते हुए महिला आयोग ने एल्विश यादव से स्पष्टीकरण मांगा है।

विवाद का कारण

दरअसल, एल्विश यादव ने अपनी यूट्यूब शो ‘फूडकास्ट विद एल्विश’ में चुम दारंग को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि करणवीर को निश्चित रूप से कोविड था, क्योंकि कौन चुम को पसंद करेगा, उसका स्वाद खराब था, और उसके नाम में ही अश्लीलता है। उनका नाम चुम है और उसने गंगूबाई में काम किया है। यह बयान न केवल चुम दारंग की पहचान और मेहनत का मजाक उड़ाने वाला था, बल्कि इसमें जातिवाद भी झलक रहा था।

एल्विश यादव के इस बयान पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें जमकर लताड़ा। उनके फॉलोअर्स और दर्शक उनसे सख्त प्रतिक्रिया देने लगे। चुम दारंग के करीबी दोस्त करणवीर मेहरा ने भी इस बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद खुद चुम दारंग भी आगे आईं और उन्होंने एल्विश यादव पर जमकर हमला बोला।

चुम दारंग का तीखा जवाब

चुम दारंग ने एल्विश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी के नाम और पहचान का मजाक बनाना कोई मजाक नहीं है। किसी की उपलब्धियों का मजाक उड़ाना भी हंसी का कारण नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि हम हंसी और नफरत के बीच एक सीमा निर्धारित करें।

चुम ने आगे कहा, “सबसे दुखद बात यह है कि यह सिर्फ मेरी जाति के बारे में नहीं था, बल्कि यह मेरी मेहनत और संजय लीला भंसाली की दृष्टि का भी अपमान था।” उनका यह बयान उनके समर्थन में आए प्रशंसकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, जिन्होंने एल्विश यादव के बयान को कठोर शब्दों में नकारा।

सोशल मीडिया पर बवाल

चुम दारंग के फैंस ने एल्विश यादव के बयान के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया। उन्होंने एल्विश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। कई यूजर्स ने यह भी कहा कि एल्विश यादव को अपने शब्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए और उन्हें उनकी गलती का एहसास कराया जाए। चुम के समर्थकों ने इसे जातिवाद और नस्लवाद से जुड़ा हुआ मुद्दा करार दिया।

इस विवाद के बाद, महिला आयोग ने तुरंत एक्शन लिया और एल्विश यादव को 17 फरवरी को आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्यवाही करेंगे और जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एल्विश यादव की प्रतिक्रिया

हालांकि, इस पूरे विवाद में एल्विश यादव ने अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। लेकिन उनके फैंस और समर्थकों ने यह उम्मीद जताई है कि वह अपने बयान पर माफी मांगेंगे और इसे एक गलतफहमी मानकर सुधारेंगे। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि एल्विश यादव की शख्सियत काफी बेबाक और विवादास्पद रही है, इसलिए उन्होंने यह बयान शायद बिना सोचे-समझे दिया होगा।

महिला आयोग की भूमिका

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के इस कदम को काफी सराहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और एल्विश यादव के खिलाफ कार्रवाई की। आयोग के इस कदम से यह भी संदेश जाता है कि महिलाओं और उनके सम्मान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुम दारंग के मामले में आयोग ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी महिला को अपमानित करने वाली बातें और टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं।

महिला आयोग के इस फैसले के बाद, इस मामले पर अब अदालत में भी सुनवाई हो सकती है। यह मामला एक संकेत हो सकता है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के नफरत भरे बयान और टिप्पणियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एल्विश यादव का यह बयान उनकी व्यक्तिगत बेबाकी का हिस्सा हो सकता है, लेकिन चुम दारंग पर की गई यह टिप्पणी अब एक गंभीर विवाद का रूप ले चुकी है। महिला आयोग का एक्शन और सोशल मीडिया पर हो रही तीव्र प्रतिक्रियाएं यह साबित करती हैं कि अब समय आ गया है कि हम अपनी शब्दों की मर्यादा का सम्मान करें। हंसी मजाक के नाम पर किसी की पहचान और मेहनत का मजाक उड़ाना नहीं किया जा सकता, और यह समय है कि हम अपने समाज में एक सकारात्मक और सम्मानजनक संवाद की शुरुआत करें।

अब, सभी की निगाहें 17 फरवरी को होने वाली महिला आयोग की सुनवाई पर होंगी, जहां एल्विश यादव को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना होगा। इस मामले का असर न केवल एल्विश यादव पर, बल्कि सोशल मीडिया पर होने वाली टिप्पणियों और बयानबाजी पर भी पड़ेगा।

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