फेड के फैसले से पहले डगमगाया अमेरिकी बाज़ार, S&P 500 और Nasdaq में गिरावट, निवेशक घबराए

मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में कमजोरी देखने को मिली क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व की आगामी ब्याज दर नीति को लेकर सतर्क नजर आए। प्रमुख सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। S&P 500 में 0.30% की गिरावट दर्ज की गई और यह 6,370.86 पर बंद हुआ। Nasdaq Composite में 0.38% की गिरावट रही और यह 21,098.29 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Dow Jones Industrial Average में 204.57 अंकों (0.46%) की गिरावट देखी गई और यह 44,632.99 के स्तर पर बंद हुआ। यह मंदी भरा सत्र बाजार में छाए अनिश्चितता के माहौल और ब्याज दर को लेकर आशंकाओं को दर्शाता है।
एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख
बुधवार सुबह एशियाई शेयर बाजारों में भी मिला-जुला रुख देखने को मिला। भारतीय समयानुसार सुबह 7:25 बजे जापान का निक्केई 225 सूचकांक 41.72 अंक (0.10%) गिरकर 40,632.83 पर पहुंच गया। वहीं, हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 96.24 अंक (0.38%) टूटकर 25,428.21 पर देखा गया। दूसरी ओर, कुछ बाजारों में तेजी का रुख भी रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 11.27 अंक (0.35%) चढ़कर 3,241.84 और चीन का एसएसई कंपोजिट इंडेक्स 9.68 अंक (0.27%) बढ़कर 3,619.39 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
बाजार में दबाव की वजह क्या है?
एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजार बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ खुले। इस अस्थिरता के पीछे मुख्य कारण अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक का बयान रहा, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुक्रवार को कई व्यापारिक साझेदारों पर प्रमुख टैरिफ लगाने की डेडलाइन अब आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। इस सख्त व्यापार नीति की आशंका ने अमेरिकी बाजारों में भी नकारात्मक असर डाला, जिसका असर बुधवार को एशियाई बाजारों पर भी देखा गया।
अर्थव्यवस्था और निवेशकों की चिंता
फेडरल रिजर्व की आगामी नीति बैठक से पहले वैश्विक निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। महंगाई दर, ब्याज दरों में संभावित बदलाव और वैश्विक व्यापार तनावों ने बाजार की दिशा को अनिश्चित बना दिया है। निवेशकों को आशंका है कि यदि फेड अगली बैठक में ब्याज दरों में बदलाव करता है, तो इसका प्रभाव न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर, बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी गहराई से पड़ेगा। फिलहाल निवेशक सतर्क रणनीति अपना रहे हैं और नए निवेश से बच रहे हैं। ऐसे में अगले कुछ दिनों तक बाजारों में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रह सकती है।