भारत बना विश्व का चौथा सबसे समान देश! गरीबी और असमानता में आई ऐतिहासिक गिरावट

वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत अब दुनिया का चौथा सबसे समान (Equal) देश बन गया है। आय की असमानता और गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2011-12 में भारत का गिनी इंडेक्स 28.8 था जो अब 2022-23 में घटकर 25.5 रह गया है। यह उपलब्धि भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों से कहीं आगे ले जाती है।
कौन से देश हैं भारत से आगे और पीछे?
गिनी इंडेक्स में भारत से बेहतर स्थिति में केवल तीन देश हैं – स्लोवाक रिपब्लिक (24.1), स्लोवेनिया (24.3) और बेलारूस (24.4)। वहीं दूसरी ओर अमेरिका (41.8), चीन (35.7) और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में भारत की तुलना में कहीं ज्यादा असमानता पाई गई है। यह अंतर दर्शाता है कि भारत ने सामाजिक और आर्थिक स्तर पर कितनी बड़ी छलांग लगाई है।
चरम गरीबी में भारी गिरावट: 16 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत
भारत में चरम गरीबी का स्तर 2011-12 में 16.2 प्रतिशत था जो अब घटकर मात्र 2.3 प्रतिशत रह गया है। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, इस दौरान 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं। खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई है जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत रह गई है। ग्रामीण और शहरी गरीबी के बीच का अंतर भी अब मात्र 1.7 प्रतिशत रह गया है।
किसने निभाई अहम भूमिका: राज्य और सरकारी योजनाएं
उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने गरीबी हटाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। इन पांच राज्यों में कभी चरम गरीबी में रहने वाली भारत की 65 प्रतिशत आबादी रहती थी लेकिन अब इनकी स्थिति में भी सुधार आया है। इस बदलाव में प्रधानमंत्री जनधन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), स्टैंड-अप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं का बड़ा योगदान रहा है।
सिर्फ आय नहीं, जीवन के हर स्तर पर आई समानता
भारत में अब केवल आय में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। गिनी इंडेक्स में भारत को ‘मॉडरेटली लो इनइक्वालिटी’ (कम असमानता) की श्रेणी में रखा गया है जो यूरोप के कई अमीर देशों की श्रेणी है। भारत की यह प्रगति ना केवल आर्थिक नीति की सफलता है बल्कि यह सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।