India-China Trade Growth: वैश्विक सुस्ती के बीच व्यापार में तेजी, UN रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

India-China Trade Growth: संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन ने 2024 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में औसत से बेहतर व्यापार वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, रिपोर्ट में आगामी तिमाहियों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका भी जताई गई है।
वैश्विक व्यापार में 9% की वृद्धि
UNCTAD की मार्च 2024 तक की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक व्यापार 9% बढ़कर $33,000 अरब (33 ट्रिलियन डॉलर) तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि विकासशील देशों, विशेष रूप से भारत और चीन ने इस अवधि में औसत से बेहतर व्यापारिक वृद्धि दर्ज की, जबकि कई विकसित देशों में व्यापार में गिरावट देखी गई।
भारत-चीन व्यापार में मजबूती, दक्षिण कोरिया और यूरोप में गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत की व्यापार गति चौथी तिमाही में मजबूत रही। वहीं, दक्षिण कोरिया के निर्यात में कमी देखी गई, हालांकि वार्षिक आधार पर यह अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक रहा।
अमेरिका: चौथी तिमाही में आयात वृद्धि सकारात्मक रही, लेकिन निर्यात में गिरावट दर्ज की गई।
यूरोप, जापान, रूस और दक्षिण अफ्रीका: इन देशों में आयात और निर्यात दोनों में गिरावट देखी गई।
भारत के आयात और निर्यात में वृद्धि
UNCTAD रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की चौथी तिमाही में भारत का आयात 8% बढ़ा, जबकि वार्षिक आयात वृद्धि 6% दर्ज की गई। इसी तरह, चौथी तिमाही में भारत का निर्यात 7% बढ़ा, जबकि वार्षिक आधार पर यह वृद्धि 2% रही।
सेवाओं के व्यापार में भी भारत का प्रदर्शन शानदार
- सेवाओं के व्यापार में भारत की आयात वृद्धि चौथी तिमाही में 7% और वार्षिक वृद्धि 10% रही।
- सेवाओं के निर्यात में चौथी तिमाही की वृद्धि 3% और वार्षिक वृद्धि 10% दर्ज की गई।
- दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत उन कुछ देशों में शामिल रहा, जिन्होंने सेवाओं के व्यापार में मजबूत वृद्धि दर्ज की।
वैश्विक व्यापार में सुस्ती के संकेत
रिपोर्ट में संकेत दिए गए हैं कि 2024 की आगामी तिमाहियों में वैश्विक व्यापार में सुस्ती देखने को मिल सकती है। सेवाओं के व्यापार में वृद्धि जारी तो रही, लेकिन उसकी गति पहले की तुलना में धीमी हो गई है।
क्या है भारत-चीन व्यापार वृद्धि के पीछे का कारण?
- मजबूत उत्पादन और निर्यात क्षमता: भारत और चीन इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में तेजी से निर्यात बढ़ा रहे हैं।
- बढ़ती घरेलू मांग: भारत और चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण आयात में भी वृद्धि देखी गई।
- नए व्यापारिक समझौते: भारत मध्य एशिया, यूरोप और अफ्रीका के साथ अपने व्यापारिक संबंध मजबूत कर रहा है।
- डिजिटल सेवाओं में उछाल: भारत की आईटी और डिजिटल सेवाओं की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ी है।
भारत और चीन की चौथी तिमाही में शानदार व्यापार वृद्धि ने दिखाया कि दोनों देश वैश्विक मंदी की संभावनाओं के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, UNCTAD की रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि आने वाले महीनों में वैश्विक व्यापार में सुस्ती आ सकती है। ऐसे में भारत को अपनी निर्यात रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वैश्विक व्यापार में किसी भी संभावित गिरावट से बचा जा सके।