Android और ChromeOS का महासंगम तय, गूगल कर रहा बड़ा गेमप्लान, यूजर्स को मिलेगा जबरदस्त नया अनुभव

दुनिया की अग्रणी सर्च इंजन कंपनी गूगल अब अपने दो प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम Android और ChromeOS को मिलाकर एक संयुक्त प्लेटफॉर्म बनाने की योजना पर काम कर रही है। गूगल के Android प्रमुख समीर समत ने खुद इस बात की पुष्टि की है। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, समीर समत, जो कि गूगल के Android ईकोसिस्टम (मोबाइल, वियरेबल्स, XR, टीवी और ऑटो) के हेड हैं, उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि गूगल अब क्रोमबुक यूजर्स की आदतों को ध्यान में रखते हुए ChromeOS और Android को एक ही प्लेटफॉर्म में मर्ज करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस कदम से गूगल के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम में एकरूपता आने की उम्मीद है, जिससे यूजर्स को अधिक बेहतरीन अनुभव मिलेगा।
Apple के iPad और iPadOS को मिलेगी सीधी चुनौती
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मर्ज को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी, जो अब सच साबित होती नजर आ रही है। नवंबर 2024 में Android Authority ने रिपोर्ट किया था कि गूगल ChromeOS को Android के प्लेटफॉर्म में माइग्रेट करने की योजना पर काम कर रहा है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य Apple के iPad और iPadOS को सीधी चुनौती देना है। गूगल पहले ही पिछले साल यह घोषणा कर चुका है कि अब ChromeOS को Android की टेक्नोलॉजी स्टैक पर विकसित किया जाएगा, जिससे दोनों प्लेटफॉर्म के बीच एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आने वाले समय में, इस मर्ज के बाद गूगल के टैबलेट और लैपटॉप यूजर्स को iPad की तरह एक मजबूत और सहज अनुभव मिल सकेगा।
Android में मिलेंगे ChromeOS जैसे फीचर्स
गौरतलब है कि ChromeOS की तरह Android में भी कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं, जैसे डेस्कटॉप मोड, रीसाइज होने वाली विंडो का सपोर्ट और एक्सटर्नल डिस्प्ले सपोर्ट में सुधार। वर्तमान में ChromeOS पहले से ही प्ले स्टोर के माध्यम से एंड्रॉइड एप्स को सपोर्ट करता है। अब दोनों के एकीकृत होने से गूगल का ऐप और हार्डवेयर ईकोसिस्टम और मजबूत होगा, जिससे यूजर्स लैपटॉप, टैबलेट और अन्य डिवाइस पर बिना किसी रुकावट के मल्टीटास्किंग कर सकेंगे। इसके अलावा, गूगल के इस कदम से डेवलपर्स को भी फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग ओएस पर काम करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
गूगल का उद्देश्य और भविष्य की दिशा
गूगल का इस मर्ज का मुख्य उद्देश्य टैबलेट और लैपटॉप में बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव देना, नए फीचर्स का विकास तेज करना और अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग ओएस बनाने की आवश्यकता को खत्म करना है। बता दें, गूगल पिछले दस वर्षों से इस विचार पर काम कर रहा है। साल 2015 में पहली बार Android और ChromeOS को मिलाने की खबरें सामने आई थीं। अब पहली बार गूगल ने सार्वजनिक रूप से इस मर्ज की पुष्टि कर दी है, जिससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में गूगल के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम में बड़ा बदलाव देखा जा सकेगा। हालांकि, इसके पूर्ण रूप से लागू होने में अभी कुछ साल और लग सकते हैं, लेकिन इस कदम से गूगल की प्रतिस्पर्धा Apple जैसे दिग्गजों से सीधे स्तर पर होगी और यूजर्स को अधिक किफायती और शक्तिशाली डिवाइस का अनुभव मिलेगा।