संघ की जोधपुर मीटिंग में 320 अधिकारी, 32 संगठन और BJP नेतृत्व… क्या होने वाला है बड़ा एलान?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक इस बार राजस्थान के जोधपुर में आयोजित होने जा रही है। हर साल होने वाली यह तीन दिवसीय बैठक संघ के लिए बेहद अहम मानी जाती है। पिछले वर्ष यह बैठक केरल के पलक्कड़ में हुई थी और इस बार राजस्थान की धरती इस बैठक की मेजबानी करेगी। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही संघ से जुड़े 32 सहयोगी संगठनों के 320 प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन मंत्री भी इस बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
बैठक कब और कहाँ होगी?
संघ की यह अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5, 6 और 7 सितंबर 2025 को जोधपुर में होगी। राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस बैठक में 32 विभिन्न संगठनों के चुने हुए पदाधिकारी भाग लेंगे। ये सभी संगठन समाज जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर काम कर रहे हैं। इस बैठक में करीब 320 कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है, जिनमें से 249 प्रतिनिधि विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी होंगे। इस दौरान राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श होगा।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
बैठक में देशभर की मौजूदा परिस्थितियों का आकलन किया जाएगा। खासकर पंजाब, बंगाल और उत्तर-पूर्व की स्थिति पर विशेष चर्चा होगी। संघ से जुड़े संगठन अपने-अपने क्षेत्र के अनुभव साझा करेंगे और एक सामूहिक मूल्यांकन के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक समरसता और संगठनात्मक मजबूती जैसे अहम विषयों पर संवाद होगा। साथ ही हाल ही में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं पर भी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर भी मंथन होगा, जिसकी शुरुआत विजयादशमी (2 अक्टूबर) को नागपुर से होगी और पूरे देश में सप्ताह भर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कौन-कौन होंगे शामिल?
जोधपुर में होने वाली इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और सभी 6 सह-सरकार्यवाह शामिल होंगे। इनके अलावा संघ के अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। 32 संगठनों में से राष्ट्रीय सेविका समिति, बनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती और भारतीय मजदूर संघ जैसे बड़े संगठनों के अध्यक्ष, संगठन मंत्री और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे। इस बैठक का उद्देश्य सभी संगठनों के बीच आपसी समन्वय और सामूहिक दिशा तय करना है, ताकि राष्ट्रहित के मुद्दों पर संगठित और प्रभावी काम किया जा सके।
