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Vandana Kataria: संन्यास के बाद भी मैदान पर उतरेंगी Vandana Kataria, जानें वजह!

भारतीय महिला हॉकी टीम की दिग्गज खिलाड़ी Vandana Kataria ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। 15 साल तक भारतीय हॉकी की सेवा करने वाली वंदना ने अपने करियर के शिखर पर खेल को अलविदा कहने का फैसला किया। उन्होंने 320 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जो किसी भी भारतीय महिला खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा है।

करियर के शिखर पर लिया फैसला

वंदना कटारिया ने साफ किया कि उनका संन्यास लेने का कारण थकान या जुनून की कमी नहीं है बल्कि वह अपने करियर के शिखर पर खेल को छोड़ना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से उनका अपना है और वह इसे गर्व के साथ ले रही हैं। भारतीय जर्सी पहनने का गर्व और मैदान पर खेलने का रोमांच उनके साथ हमेशा रहेगा।

भारतीय हॉकी में महत्वपूर्ण योगदान

वंदना ने 2009 में भारतीय सीनियर टीम में डेब्यू किया और कई बड़े खिताब जीते। टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही थी जिसमें उन्होंने एक मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया था। संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने अपने साथियों कोच और मेंटर्स का आभार जताया और कहा कि उनकी प्रेरणा से ही वह इस मुकाम तक पहुंच सकीं।

पिता को समर्पित किया करियर

हरिद्वार की रहने वाली वंदना ने अपने पिता को अपनी सफलता की नींव बताया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि उनके दिवंगत पिता उनके सबसे बड़े मार्गदर्शक थे। उनके बिना उनका हॉकी खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाता। पिता के त्याग और समर्थन ने उनके खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

हॉकी से नाता बना रहेगा

संन्यास लेने के बावजूद वंदना हॉकी से पूरी तरह दूर नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि यह अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। वह हॉकी इंडिया लीग में खेलती रहेंगी और अन्य स्तरों पर भी हिस्सा लेंगी। उनका जुनून और मैदान पर उतरने की ललक कभी खत्म नहीं होगी। हॉकी से जुड़ी यादें और सीख हमेशा उनके साथ रहेंगी।

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