भारत में जल्द एंट्री करेगा Starlink, एलन मस्क को IN-SPACe की मंजूरी का इंतजार

भारत में एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक की शुरुआत अब लगभग तय मानी जा रही है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को एक कार्यक्रम में बताया कि सरकार की ओर से सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। अब सिर्फ IN-SPACe की अंतिम मंजूरी का इंतजार है जिसके बाद स्टारलिंक देश में अपनी सेवाएं शुरू कर सकेगी।
IN-SPACe से अनुमति मिलते ही होगी सेवा की शुरुआत
IN-SPACe यानी इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर भारत में सैटेलाइट सेवाओं को नियंत्रित करने वाली संस्था है। यह संस्था वर्ष 2020 में गठित हुई थी। IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका ने भी पुष्टि की है कि स्टारलिंक के सभी लाइसेंस संबंधी कागज़ात पूरे हो चुके हैं। दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर के बाद सेवा शुरू होने का रास्ता साफ हो जाएगा।
अगले दो महीनों में शुरू हो सकती है सेवा
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक अगले दो महीनों में भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू कर सकती है। कंपनी भारत में एक बेस स्टेशन बनाने पर भी काम कर रही है। जैसे ही अंतिम स्वीकृति मिलती है, कंपनी देश के दूर-दराज और इंटरनेट-वंचित इलाकों में अपनी हाई-स्पीड सेवा प्रदान करेगी। वर्तमान में स्टारलिंक दुनिया के 105 से अधिक देशों में इंटरनेट सेवाएं दे रही है।
पड़ोसी देशों में पहले ही शुरू हो चुकी है सेवा
भारत से पहले स्टारलिंक ने भूटान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में अपनी सेवा शुरू कर दी है। इन देशों में सेवा की मासिक कीमत करीब ₹3,300 है और एक बार के उपकरण की कीमत लगभग ₹30,000 है। भारत में भी सेवा इसी रेंज में रह सकती है। हालांकि सरकार ने कंपनी से मांग की है कि सेवा की कीमत आम जनता के लिए किफायती रखी जाए ताकि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी इंटरनेट पहुंच सके।
डिजिटल इंडिया को मिलेगी नई उड़ान
स्टारलिंक की सेवा भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति देने वाली साबित हो सकती है। देश के दुर्गम इलाकों में जहां केबल या फाइबर इंटरनेट पहुंच नहीं पाता, वहां यह सैटेलाइट सेवा बेहद कारगर हो सकती है। इससे न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।