
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान Rohit Sharma इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनाई है, और टीम ने ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को हराकर तीनों मैच जीतकर सफलता का झंडा लहराया है। लेकिन इस सफलता के बावजूद कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा के बारे में ऐसा बयान दिया है, जिसने विवादों को जन्म दे दिया है। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर और राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचाया है।
शमा मोहम्मद ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए रोहित शर्मा पर निशाना साधते हुए लिखा, “रोहित शर्मा एक मोटे खिलाड़ी हैं! उन्हें वजन घटाने की जरूरत है।” कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे यह भी कहा, “रोहित शर्मा न केवल एक मोटे खिलाड़ी हैं, बल्कि वह भारत के सबसे अप्रभावी कप्तान भी हैं।” शमा के इस बयान ने न केवल क्रिकेट प्रशंसकों को बल्कि राजनीति में भी हलचल मचा दी।
शमा के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने शमा मोहम्मद पर आरोप लगाया कि उन्होंने रोहित शर्मा को शारीरिक रूप से अपमानित किया और यह “बॉडी शेमिंग” का मामला है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यह बयान न केवल रोहित शर्मा का अपमान है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी शर्मनाक है।
Congress spokesperson body-shaming @ImRo45 – The sheer audacity!
This is the same Congress that humiliated athletes for decades, denied them recognition, and now dares to mock a cricketing legend? The party that thrives on nepotism is lecturing a self-made champion?
Rohit… pic.twitter.com/mbreaKLT3a
— Radhika Khera (@Radhika_Khera) March 2, 2025
बीजेपी और क्रिकेट जगत का जवाब
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शमा मोहम्मद के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता का यह बयान भारतीय क्रिकेट की उपलब्धियों का मजाक उड़ाने के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि शमा का यह बयान एक स्वस्थ और प्रेरणादायक छवि वाले खिलाड़ी को नीचा दिखाने का प्रयास है। ईरानी ने कहा, “रोहित शर्मा एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनके द्वारा किया गया काम और कप्तानी की शैली भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे बयान उनके योगदान को नजरअंदाज करने के समान हैं।”
क्रिकेट जगत में भी शमा मोहम्मद के बयान की निंदा की गई। कई क्रिकेट खिलाड़ियों और एक्सपर्ट्स ने रोहित शर्मा के नेतृत्व और उनके क्रिकेट कौशल को सराहा। पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने शमा के बयान को “निराधार” और “अर्थहीन” बताया। उन्होंने कहा, “रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी का वजन क्या है, यह मुद्दा नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि वह मैदान पर कैसे प्रदर्शन करते हैं और टीम को जीत दिलाते हैं।”
इसी तरह, क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी शमा के बयान पर प्रतिक्रिया दी। भोगले ने कहा, “यह पूरी तरह से अनुचित है। शारीरिक रूप से किसी खिलाड़ी की आलोचना करना उनके कौशल और प्रदर्शन को नजरअंदाज करना है। रोहित शर्मा एक शानदार कप्तान हैं, और उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई बड़ी जीत हासिल की हैं।”
रोहित शर्मा का करियर और कप्तानी
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल और काबिल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक नया आयाम स्थापित किया है, खासकर वनडे और T20 क्रिकेट में। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2018 में एशिया कप और 2020 में घरेलू T20 सीरीज जीती। इसके अलावा, आईपीएल में भी रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई इंडियन्स ने कई बार ट्रॉफी जीती है, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता का और भी प्रदर्शन हुआ है।
रोहित शर्मा का क्रिकेट करियर शानदार रहा है, और उन्होंने खुद को एक बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में साबित किया है। उनका स्ट्राइक रेट, शॉट सिलेक्शन और मैच जीतने की क्षमता अद्वितीय रही है। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल की है, और उन्होंने अपनी कप्तानी से एक नई दिशा दी है।
शारीरिक आलोचना क्यों अनुचित है?
शमा मोहम्मद के बयान ने एक अहम सवाल उठाया है, और वह है शारीरिक आलोचना। किसी भी व्यक्ति की शारीरिक विशेषताओं का मजाक उड़ाना या उनका अपमान करना किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं है। हालांकि, रोहित शर्मा को शारीरिक रूप से आलोचना करना न केवल उनके प्रति असम्मान है, बल्कि यह समाज में ‘बॉडी शेमिंग’ को बढ़ावा भी देता है। हम सब जानते हैं कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है, और किसी की शारीरिक बनावट को आलोचना करना सिर्फ एक व्यक्ति को मानसिक रूप से कमजोर करने का काम करता है।
इसमें कोई शक नहीं कि फिटनेस एक खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण होती है, लेकिन रोहित शर्मा की सफलता उनके शारीरिक आकार पर निर्भर नहीं है। उनकी बल्लेबाजी कौशल, कप्तानी की समझ, और मैदान पर निर्णय लेने की क्षमता ही उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाती है। शारीरिक आलोचना से उनके क्रिकेटिंग कौशल पर कोई असर नहीं पड़ता।
राजनीति और खेल का मिश्रण
यह घटना भारतीय राजनीति में खेल के मुद्दों को भी लेकर आई है। जब किसी खेल में सफलता मिलती है, तो उसे केवल एक खिलाड़ी या टीम का नहीं, बल्कि उस राष्ट्र का सम्मान माना जाता है। ऐसे में किसी खिलाड़ी की शारीरिक आलोचना राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना गलत है। यह न केवल खेल जगत के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक खराब संदेश है।
रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट का एक अविभाज्य हिस्सा हैं, और उनकी मेहनत और समर्पण को कोई भी नकार नहीं सकता। शमा मोहम्मद का बयान न केवल एक महान खिलाड़ी के प्रति असम्मान है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को भी नीचा दिखाने का प्रयास है। हमें खिलाड़ियों की आलोचना करने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी सफलता का सम्मान करना चाहिए। इस पूरे मामले ने यह भी साफ कर दिया है कि राजनीति और खेल के बीच आदर्श संबंध बनाने की आवश्यकता है, ताकि हम सभी एक साथ खेल और खिलाड़ियों की सराहना कर सकें।