Maharashtra-Karnataka dispute: कंडक्टर पर हमले के बाद तनाव, दोनों राज्यों में बस सेवाएं बंद

Maharashtra-Karnataka dispute। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे बस विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। मामला तब गरमाया जब कर्नाटक के बेलगावी (Belgaum) जिले में एक बस कंडक्टर के साथ मारपीट की घटना सामने आई। इस घटना के बाद महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके चलते दोनों राज्यों के बीच बस सेवा रोक दी गई है। इस विवाद ने न केवल राजनीतिक रंग ले लिया है, बल्कि दोनों राज्यों के लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है।
यह विवाद कर्नाटक के बेलगावी जिले में शुक्रवार को शुरू हुआ, जब कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के बस कंडक्टर बसवराज महादेव हुक्कर (Basavaraj Mahadev Hukkeri) और यात्रियों के बीच भाषा को लेकर बहस हो गई। बसवराज कन्नड़ भाषा में बात कर रहे थे, जबकि यात्री उनसे मराठी में बात करने की मांग कर रहे थे।
बहस इतनी बढ़ गई कि तीन यात्रियों और एक नाबालिग ने कथित तौर पर कंडक्टर के साथ मारपीट की। पुलिस ने तुरंत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और नाबालिग को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, इसके बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया, जब नाबालिग ने कंडक्टर पर यौन शोषण (POCSO Act) का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करवाई। इस घटना के बाद मामला और गंभीर हो गया और कर्नाटक में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कंडक्टर के समर्थन में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
#WATCH | Pune: Shiv Sena (UBT) workers staged a protest and blackened the buses with Karnataka number plates in the Swargate area of Pune city after a Marathi-speaking bus driver was assaulted in Belagavi, for allegedly not speaking in Kannada. (22.02) pic.twitter.com/SJ3s0s42p5
— ANI (@ANI) February 22, 2025
महाराष्ट्र में उग्र प्रदर्शन, बसों पर स्याही फेंकी
इस घटना के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। शनिवार को पुणे के स्वारगेट इलाके में शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक नंबर प्लेट वाली बसों पर काली स्याही फेंककर विरोध जताया। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार इस घटना को गंभीरता से ले और दोषियों को सजा दिलाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मराठी भाषियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और महाराष्ट्र सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार ने बस सेवाएं की बंद
बेलगावी की घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक जाने वाली सभी राज्य परिवहन (ST) बस सेवाओं को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया। इस फैसले के बाद शनिवार रात 7 बजे से महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली करीब 50 सरकारी बसों का परिचालन बंद हो गया।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के अधिकारियों के अनुसार, जब तक दोनों राज्यों के बीच माहौल सामान्य नहीं होता, तब तक बस सेवा बहाल नहीं की जाएगी।
कर्नाटक में भी उग्र प्रदर्शन
इधर, कर्नाटक में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। शनिवार को चित्रदुर्ग में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने महाराष्ट्र परिवहन निगम की एक बस पर काली स्याही फेंक दी। कर्नाटक समर्थकों ने बस कंडक्टर के खिलाफ लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए मराठी यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
कर्नाटक पुलिस ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है।
भाजपा और शिवसेना (UBT) आमने-सामने
इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि यह घटना मराठी भाषियों का अपमान है और महाराष्ट्र सरकार को इस पर सख्त रुख अपनाना चाहिए। वहीं, भाजपा नेताओं ने दोनों राज्यों की सरकारों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की अपील की।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और कर्नाटक सरकार से बातचीत कर रहे हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”
सीमा विवाद की छाया?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद केवल भाषा का नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबे समय से चले आ रहे बेलगावी सीमा विवाद की वजह से भी माहौल गरम हो रहा है।
महाराष्ट्र लंबे समय से मांग करता आ रहा है कि बेलगावी और उसके आसपास के मराठी बहुल इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल किया जाए, जबकि कर्नाटक इसे पूरी तरह खारिज करता रहा है। इस मुद्दे पर पहले भी कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं।
सुरक्षा बढ़ाई गई, तनाव बरकरार
इस पूरे मामले को देखते हुए महाराष्ट्र और कर्नाटक की पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। बेलगावी, पुणे, कोल्हापुर और मुंबई में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। दोनों राज्यों की सरकारें भी इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करने की कोशिश कर रही हैं।
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि यात्रियों को कोई नुकसान न हो। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, बस सेवाएं निलंबित रहेंगी।”
क्या हो सकता है समाधान?
- दोनों राज्यों की सरकारों को मिलकर इस मामले को सुलझाने के लिए बातचीत करनी होगी।
- भाषाई विवाद को रोकने के लिए राज्य परिवहन विभाग को सख्त दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।
- यात्रियों और परिवहन कर्मचारियों के लिए बहुभाषी संवाद की व्यवस्था होनी चाहिए।
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को सतर्क रहना होगा।
कर्नाटक के बेलगावी में बस कंडक्टर के साथ मारपीट और उसके बाद महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच बढ़ते तनाव ने दोनों राज्यों के रिश्तों को और जटिल बना दिया है। इस घटना ने भाषा और सीमा विवाद के मुद्दे को फिर से गरमा दिया है।
फिलहाल, बस सेवा बंद है और दोनों राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकारें इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती हैं और यात्रियों को फिर से सामान्य सेवाएं कब तक मिल पाती हैं।