Asaduddin Owaisi का पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ रुख! राष्ट्रवादी छवि के साथ ओवैसी का हिंदू समुदाय में प्रवेश

Asaduddin Owaisi: पाहलगाम हमले के बाद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी का रवैया बदल गया है। अब वे पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ बीजेपी नेताओं की तरह आक्रामक हो गए हैं। ओवैसी ने बिहार के ढाका में आतंकवाद के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया और कहा कि अब पाकिस्तान को समझाने का नहीं बल्कि जवाब देने का समय है।
ओवैसी की मुस्लिम केंद्रित राजनीति
ओवैसी की पहचान मुस्लिम समुदाय के लिए उनकी मजबूत आवाज के रूप में बनी है। वे संसद से लेकर सड़क तक मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को उठाते रहे हैं। बाबरी मस्जिद, ट्रिपल तलाक, सीएए-एनआरसी जैसे मुद्दों पर ओवैसी ने खुले तौर पर अपनी राय रखी है और उन्हें मुसलमानों के बीच एक मसीहा के रूप में देखा जाता है।
क्या ओवैसी अपने मुस्लिम छवि से बाहर निकल पाएंगे?
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर केंद्रित रही है। ओवैसी के लिए यह जरूरी था कि वे अपने मुस्लिम-प्रेमी छवि से बाहर निकलकर हिंदू समुदाय में भी अपनी जगह बनाएं। यही वजह है कि उन्होंने अब आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ ओवैसी की कठोर नीति
पाहलगाम हमले के बाद ओवैसी ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ अपना कठोर रुख अपनाया है। उन्होंने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ओवैसी का यह आक्रामक रुख उनकी राष्ट्रवादी छवि को मजबूत कर रहा है।
क्या ओवैसी हिंदू समुदाय का विश्वास जीत पाएंगे?
ओवैसी अब हिंदू समुदाय को भी अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। वे मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के बीच एक राजनीतिक गठजोड़ बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। बिहार में ओवैसी ने इस बार हिंदू उम्मीदवारों को भी टिकट दिए हैं। अब देखना यह है कि क्या वह हिंदू समुदाय का विश्वास जीत पाते हैं या नहीं।