Urad Import Policy: सरकार ने उरद की शुल्क मुक्त आयात नीति को एक साल और बढ़ाया, 31 मार्च 2026 तक लागू

Urad Import Policy: भारत सरकार ने उरद की शुल्क मुक्त आयात नीति को एक साल और बढ़ा दिया है, जो अब 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। यह निर्णय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के व्यापार विभाग द्वारा जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में बताया गया है। इससे पहले, उरद की शुल्क मुक्त आयात नीति मार्च 2025 तक लागू थी, लेकिन अब इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य घरेलू बाजार में उरद की कीमतों को स्थिर रखना है।
उरद का प्रमुख निर्यातक: म्यांमार
भारत के लिए उरद का सबसे बड़ा निर्यातक म्यांमार है, और इस नीति के लागू होने से भारतीय व्यापारियों को उरद के आयात में कोई अतिरिक्त शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा। व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया कि उरद की शुल्क मुक्त आयात नीति को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इस कदम से घरेलू बाजारों में कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, और व्यापारियों के लिए उरद आयात करना सरल और सस्ता होगा।
पीले मटर का शुल्क मुक्त आयात भी बढ़ाया
इसके अलावा, सरकार ने पीले मटर के शुल्क मुक्त आयात की नीति को भी बढ़ा दिया है। यह नीति अब 28 फरवरी 2025 तक के बजाय 31 मई 2025 तक प्रभावी रहेगी, ताकि व्यापारियों को अद्यतन शर्तों के तहत पीले मटर का आयात करने में कोई कठिनाई न हो। यह कदम भी घरेलू बाजार में दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उरद के आयात का आंकड़ा
पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल-नवंबर) में उरद का आयात 601.12 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें से 549 मिलियन डॉलर का आयात म्यांमार से हुआ था। इसके अलावा, 2023-24 में कुल उरद का आयात 663.21 मिलियन डॉलर था, जिसमें से 646.6 मिलियन डॉलर म्यांमार से आया था। इसके अलावा, भारत उरद का आयात सिंगापुर, थाईलैंड और ब्राजील से भी करता है। इस प्रकार, म्यांमार भारत के लिए उरद का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ है।
भारत-म्यांमार द्विपक्षीय व्यापार
भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 1.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा था, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 1.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। हालांकि, भारत का म्यांमार के साथ व्यापार घाटा है, यानी म्यांमार से होने वाले आयात का मूल्य भारत से होने वाले निर्यात के मुकाबले अधिक है।
भारत में उरद का उत्पादन
भारत दुनिया का सबसे बड़ा उरद उत्पादक और उपभोक्ता देश है। भारत के प्रमुख उरद उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं। इन राज्यों में उरद की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जो घरेलू आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा है। हालांकि, भारत में उरद का उत्पादन कभी-कभी घरेलू मांग के मुकाबले कम होता है, जिसके कारण आयात की आवश्यकता होती है।
सरकार का कदम: कीमतों को स्थिर करना
सरकार द्वारा उरद के आयात पर शुल्क मुक्त नीति का विस्तार घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए किया गया है। उरद जैसी दालों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान है, और यह देश की खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं। सरकार अक्सर आयात नीतियों को समायोजित करती है ताकि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना रहे और कीमतें स्थिर रहें।
भारत सरकार का यह कदम उरद के आयात को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार में दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। म्यांमार से आयात होने वाले उरद की क़ीमतों में यह नीति एक संतुलन स्थापित करने में मदद करेगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इसके अलावा, सरकार की नीति खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और दालों की उचित आपूर्ति बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।