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राज्यसभा में पहुंचे Ujjwal Nikam! कसाब को फांसी दिलाने वाला वकील अब बनाएंगे कानून!

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और उसकी उपधारा (3) के तहत अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को नामित किया है। ये नियुक्तियां उन रिक्त सीटों को भरने के लिए की गई हैं, जो पूर्व नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के कारण खाली हो गई थीं।

उज्ज्वल निकम: कानून के मंच का सितारा

उज्ज्वल देवरा निकम भारत के उन गिने-चुने वकीलों में से हैं जिन्होंने देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष की भूमिका निभाई है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी अजमल कसाब को फांसी की सज़ा दिलवाने में उनकी भूमिका सबसे अहम रही थी। इसके अलावा, उन्होंने 1993 के मुंबई बम धमाकों सहित कई मामलों में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखा है।

सी. सदानंदन मास्ते: समाज सेवा और शिक्षा में समर्पित जीवन

केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्ते ने शिक्षा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में लम्बे समय से योगदान दिया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार और समाज में बदलाव लाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं। उनके इसी योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें राज्यसभा में स्थान मिला है।

हर्षवर्धन श्रृंगला: कूटनीति के माहिर रणनीतिकार

1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं। वे अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत के तौर पर कार्य कर चुके हैं। कोविड-19 महामारी के समय और यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के अभियान में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।

मीनाक्षी जैन: इतिहास की गहराइयों में खोज करने वाली विदुषी

मीनाक्षी जैन एक प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद् हैं। उन्होंने भारतीय इतिहास पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और शोध कार्य किए हैं। उनके लेखन ने ऐतिहासिक घटनाओं को एक नई दृष्टि दी है और भारतीय परंपराओं को बेहतर तरीके से समझने में सहायता की है। संसद में उनके विचार ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विमर्श को नई दिशा देंगे।

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