डेब्यू में लेखक-निर्देशक-एक्टर बने सोहेल खान, फ्लॉप के बाद बदला पूरा करियर

सोहेल खान सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि निर्देशक और निर्माता भी हैं। उन्होंने साल 2002 में फिल्म ‘मैंने दिल तुझको दिया’ से बतौर लेखक, निर्देशक और अभिनेता बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म से सोहेल को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई। यही फिल्म उनके करियर की एकमात्र ऐसी फिल्म रही, जिसमें उन्होंने मुख्य अभिनेता की भूमिका निभाई। इस असफलता के बाद सोहेल खान ने कभी भी खुद को लीड एक्टर के तौर पर स्थापित करने की कोशिश नहीं की और आगे चलकर वे ज्यादातर सहायक भूमिकाओं में ही नजर आए। धीरे-धीरे उनका झुकाव फिर से कैमरे के पीछे के काम की ओर होता चला गया।
फ्लॉप फिल्मों की लंबी सूची
सोहेल खान ने अपने करियर में करीब 15 से 16 फिल्मों में काम किया है। इन फिल्मों में उन्होंने कभी अभिनेता, कभी निर्देशक तो कभी निर्माता की भूमिका निभाई। हालांकि बतौर लीड एक्टर उनकी फिल्में बेहद कम रहीं। दुर्भाग्य से, उनके अभिनय करियर की ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकीं। ट्यूबलाइट, मैं और मिसेज खन्ना, हीरोज, गॉड तुस्सी ग्रेट हो, जाने तू… या जाने ना, सलाम-ए-इश्क, कृष्णा कॉटेज, लकीर, डरना मना है और डू नॉट डिस्टर्ब जैसी कई फिल्में इस सूची में शामिल हैं। इन फिल्मों में सोहेल की भूमिकाएं यादगार नहीं बन सकीं और दर्शकों से उन्हें वह पहचान नहीं मिल पाई, जो एक सफल अभिनेता को मिलती है।
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क्या परिवार के दबाव में बने अभिनेता?
बहुत कम लोग जानते हैं कि सोहेल खान कभी अभिनेता बनना ही नहीं चाहते थे। उनका सपना हमेशा कैमरे के पीछे रहकर काम करने का था। हाल ही में वाइल्ड फिल्म्स इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में सोहेल ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब वे निर्देशन के क्षेत्र में काम कर रहे थे, तब उनके परिवार ने उनसे अभिनय करने की भी इच्छा जताई। शुरुआत में उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया, लेकिन जब परिवार का दबाव लगातार बढ़ता गया, तो उन्होंने खुद के निर्देशन में बनी फिल्म से बतौर अभिनेता डेब्यू किया। सोहेल के मुताबिक, अभिनय करना उनका खुद का फैसला नहीं था और शायद यही वजह रही कि उनका अभिनय करियर ज्यादा लंबा और सफल नहीं हो सका।
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निर्देशक-निर्माता के तौर पर मिली असली पहचान
भले ही सोहेल खान को अभिनय में बड़ी सफलता न मिली हो, लेकिन निर्देशक और निर्माता के रूप में उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने सबसे पहले फिल्म इंडस्ट्री में निर्देशक के तौर पर कदम रखा था। उनकी पहली निर्देशित फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ साल 1998 में रिलीज हुई थी, जो उस दौर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल रही। इसके बाद उन्होंने ‘मैंने दिल तुझको दिया’ का निर्देशन किया, हालांकि यह फिल्म सफल नहीं हो सकी। सोहेल ने अपने पूरे करियर में सिर्फ दो फिल्मों का निर्देशन किया है, लेकिन बतौर निर्माता उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाया। मुन्ना भाई एमबीबीएस, डॉन 2, हैप्पी न्यू ईयर, जय हो, फ्रीकी अली और हेलो ब्रदर जैसी हिट फिल्मों का नाम इस सूची में शामिल है। आज सोहेल खान को भले ही एक सफल अभिनेता के रूप में न जाना जाए, लेकिन निर्देशक और निर्माता के तौर पर उनका योगदान बॉलीवुड के लिए अहम रहा है।
