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131वां संशोधन बिल पर पंजाब की नाराज़गी, केजरीवाल- बोले चंडीगढ़ हमारा था है और हमेशा रहेगा

केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संविधान 131वां संशोधन बिल जैसे ही सर्दियों के सत्र में लाने की बात सामने आई पंजाब में माहौल गरमा गया। यह बिल आते ही आम लोगों से लेकर राजनीतिक दलों तक विरोध तेज हो गया। लोग सड़क पर उतरकर इसे पंजाब के अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। इस मुद्दे पर पंजाब में गुस्सा लगातार बढ़ रहा है।

केजरीवाल का साफ संदेश कि चंडीगढ़ पंजाब का है

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि चंडीगढ़ पंजाब का था है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह कदम सरल निर्णय नहीं है बल्कि पंजाब की पहचान पर सीधा प्रहार है। उन्होंने संघीय ढांचे को तोड़ने की मानसिकता को खतरनाक बताया। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब ने देश की सुरक्षा अन्न पानी और मानवता के लिए हमेशा बलिदान दिए हैं और आज उसी पंजाब के अधिकार छीने जा रहे हैं जो बेहद दुखद है।

भगवंत मान का आरोप कि पंजाब को कमजोर करने की साजिश

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र के इस बिल को पंजाब विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल पंजाब के हितों को कमजोर करेगा और पंजाब इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगा। मान ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की जमीन पर बसे गांवों को तोड़कर बनाया गया था और इसका हक सिर्फ पंजाब का है। उन्होंने कहा कि पंजाब अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।

 पंजाबी कभी तानाशाही के आगे नहीं झुके

केजरीवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि पंजाबी कभी भी किसी तानाशाही के आगे नहीं झुके। उन्होंने कहा कि आज भी पंजाब किसी भी ऐसे प्रयास के आगे झुकेगा नहीं जो उसके अधिकार छीनने की कोशिश करे। पंजाब की जनता इस बिल का डटकर विरोध करेगी और चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने देगी।

क्या है 131वां संविधान संशोधन बिल

संविधान 131वां संशोधन बिल 2025 के तहत केंद्र सरकार चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 के तहत लाना चाहती है। अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीधे कानून बनाने का अधिकार देता है। अभी चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल के हाथों में है। यदि यह संशोधन पास हो जाता है तो चंडीगढ़ पूरी तरह केंद्र के नियंत्रण में चला जाएगा। इसी वजह से पंजाब में इसे अधिकार छीनने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है और इसका बड़े स्तर पर विरोध जारी है।

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