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ममता बनर्जी ने SIR को NRC का षड़यंत्र बताया, BSF पर भी किए गंभीर आरोप, चुनाव आयोग पर बढ़ा दबाव

देश के 12 राज्यों में विशेष मतदाता सूची संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया चल रही है। इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को साफ-सुथरा और अपडेट करना है ताकि केवल सही और सक्रिय मतदाता सूची में शामिल हों। पश्चिम बंगाल में इस संशोधन के दौरान लगभग 28 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इनमें से करीब 9 लाख मृतक मतदाता थे, जबकि बाकी के नाम इसलिए हटाए गए क्योंकि वे सूची में गायब थे या उनकी जानकारी मिल नहीं पाई। इस प्रक्रिया के तहत अब तक मतदाता फार्म का 78% डिजिटलीकरण हो चुका है। यह कदम लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी माना जा रहा है, लेकिन इसके साथ कई विवाद भी जुड़े हैं।

मतदाता सूची में विसंगतियां और उनकी वजह

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की वर्तमान मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 में तैयार मतदाता सूची से मेल नहीं खाते। यह असंगतियां तब उजागर हुईं जब पुराने और नए मतदाता सूचियों की तुलना की गई। इस कारण कई मतदाताओं के नाम हटाए गए। यह स्थिति यह संकेत देती है कि मतदाता सूची में कई पुरानी और अवास्तविक जानकारियां हैं। हालांकि, यह संशोधन कई लोगों को असुविधाजनक लगा है और इस पर राजनीतिक बहस भी तेज हुई है।

ममता बनर्जी ने SIR को NRC का षड़यंत्र बताया, BSF पर भी किए गंभीर आरोप, चुनाव आयोग पर बढ़ा दबाव

ममता बनर्जी का SIR पर तीखा हमला

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को लगातार निशाना बनाया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसे NRC (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) के लिए एक साजिश बताया है। ममता ने कहा कि यह प्रक्रिया झूठे बहाने से की जा रही है और लोगों को डराने-धमकाने का काम हो रहा है। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) पर भी सवाल उठाए कि बंगाल में कथित घुसपैठिये कैसे आए और किसने उन्हें अनुमति दी। उनके इन बयानों ने राजनीतिक माहौल को और गरम कर दिया है।

BLO कर्मचारियों की मौतों ने बढ़ाई चिंता

SIR प्रक्रिया में देश भर के 12 राज्यों में लगभग 5 लाख से ज्यादा BLO (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों पर भारी काम का दबाव है। इसी कारण अब तक 25 से अधिक BLO की मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में अकेले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 और BLO की मौत होने का दावा किया है। BLO की मौतों को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई। कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मामले में जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और आगे की राह

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है कि वे BLO की मौतों और SIR प्रक्रिया में हो रही समस्याओं को कैसे संभालेंगे। साथ ही चुनाव आयोग को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और न्यायसंगत बनाएं। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग और सरकार इस विवादित प्रक्रिया को किस तरह आगे बढ़ाते हैं ताकि मतदाता सूची का संशोधन लोकतंत्र के हित में हो सके और BLO कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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