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RBI और GST कटौती का जादू! जानिए कैसे बढ़ेगा आम आदमी का खर्च करने का बजट

सरकार द्वारा जीएसटी दरों में हाल ही में की गई कटौती आम आदमी के लिए राहत की उम्मीद जगा रही है। जीएसटी 2.0 22 सितंबर यानी नवरात्रि से लागू होगा। हालांकि, शुक्रवार को जारी रिटेल इन्फ्लेशन के आंकड़ों ने यह संकेत दिया कि आम आदमी की थाली अभी भी महंगी है। जुलाई में 1.55% की न्यूनतम दर के बाद अगस्त में रिटेल इन्फ्लेशन बढ़कर 2.07% हो गई। इसका मतलब यह हुआ कि पिछले कुछ महीनों में महसूस की जा रही राहत थोड़ी कम हो गई। ऐसे में आम आदमी की उम्मीदें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की आगामी नीतियों पर टिकी हैं।

जीएसटी कटौती से मिल सकती है राहत

HSBC की रिपोर्ट के अनुसार, यदि कंपनियां जीएसटी कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुँचाती हैं, तो रिटेल इन्फ्लेशन में 1% की कमी संभव है। हालांकि, यदि कंपनियां केवल आंशिक लाभ देती हैं, तो यह कमी 0.5% तक सीमित रह सकती है। इस स्थिति में RBI द्वारा रेपो रेट में संभावित कटौती आम आदमी को सीधे राहत पहुंचा सकती है। यह कदम न केवल महंगाई को नियंत्रित करेगा बल्कि उपभोक्ताओं के लिए खरीदी क्षमता भी बढ़ाएगा।

RBI और GST कटौती का जादू! जानिए कैसे बढ़ेगा आम आदमी का खर्च करने का बजट

ईएमआई बोझ में कमी का मौका

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएसटी दरों में कटौती से सरकार को कुछ राजस्व हानि होगी, लेकिन आम आदमी को लाभ मिलेगा। यदि लोग अधिक खर्च करते हैं, तो पूरे वर्ष के दौरान GDP में 0.2% की वृद्धि भी संभव है। इसके साथ ही, यदि रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों के लोन की ईएमआई पर भी दबाव कम होगा और आम आदमी की जेब में अधिक पैसा रहेगा। यह कदम विशेष रूप से गृह ऋण और व्यक्तिगत ऋण लेने वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

उपभोक्ता खर्च बढ़ाने पर जोर

HSBC ने कहा कि जीएसटी कटौती को व्यापक रूप से देखना चाहिए। यदि इसे इस साल की आयकर कटौती (0.3% GDP) और कम ब्याज दरों से जोड़ा जाए, तो कुल उपभोक्ता खर्च में GDP का 0.6% तक इजाफा हो सकता है। हालांकि, लोग इसका कुछ हिस्सा बचत में रख सकते हैं, जिससे वास्तविक लाभ थोड़ी कम हो सकता है। यह संकेत करता है कि सरकार और RBI की नीतियों का सही संयोजन आम आदमी की खरीद क्षमता को बढ़ा सकता है।

रेपो रेट की पिछली चालें

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अगस्त में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखी थी। हालांकि, जून में इसे 0.50% यानी 50 बेसिस पॉइंट कम किया गया था। यह लगातार तीसरी बार था जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की। इसके पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में भी रेपो रेट में क्रमशः 0.25% की कटौती की गई थी। यह कदम सरकार की जीएसटी कटौती के साथ मिलकर आम आदमी की जेब में राहत और उपभोक्ता खर्च बढ़ाने में मदद कर सकता है।

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