Lok Sabha में मणिपुर के राष्ट्रपति शासन पर चर्चा, बजट और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय

Lok Sabha में मंगलवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को मंजूरी देने के लिए एक घंटे की चर्चा होगी। यह निर्णय लोकसभा की व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को की। इस बैठक में मणिपुर के वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत करने के बाद विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने की रणनीति बनाई गई।
मणिपुर के राष्ट्रपति शासन पर चर्चा:
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को मंजूरी देने के लिए एक घंटे की चर्चा लोकसभा में मंगलवार को की जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि मणिपुर में असहमति और अशांति के कारण इस निर्णय की आवश्यकता महसूस की गई थी। लोकसभा की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी, जिसमें विभिन्न सदस्य अपने विचार व्यक्त करेंगे।
मणिपुर बजट पर चर्चा:
मणिपुर का बजट, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में प्रस्तुत किया, भी मंगलवार से लोकसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इस बजट की चर्चा को 2024-25 के लिए दूसरी बैच की अनुदान माँगों और 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदान की माँगों के साथ जोड़ दिया गया है। इस चर्चा के लिए छह घंटे का समय निर्धारित किया गया है। बजट में मणिपुर के लिए कुल 35,103.90 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के मुकाबले 2,447.09 करोड़ रुपये अधिक है।
निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, “13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा के बाद मणिपुर राज्य विधानसभा की शक्तियां, जो संसद द्वारा या संसद के अधीन exercised की जाएंगी, वह इस बजट में प्रदर्शित की गई हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कुल प्राप्तियां 35,368.19 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो कि 2024-25 के मुकाबले 2,896.29 करोड़ रुपये अधिक हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक निर्णय:
लोकसभा व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 13 मार्च को होली के कारण लोकसभा की बैठक रद्द कर दी जाएगी। इसके बदले में, 29 मार्च (शनिवार) को लोकसभा की बैठक होगी, ताकि 13 मार्च की बैठक की भरपाई की जा सके। इस बैठक में रेलवे से संबंधित मामलों पर 10 घंटे की चर्चा की जाएगी और जल शक्ति, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के अनुदान पर एक-एक दिन की चर्चा होगी।
मणिपुर पुलिस का बड़ा अभियान:
मणिपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग जिलों से 17 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कारें, दो पहिया वाहन और नकद राशि बरामद की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इम्फाल पश्चिम जिले से 13 उग्रवादी गिरफ्तार किए गए, जबकि इम्फाल पूर्व जिले से तीन और तेंगनौपाल जिले से एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया। तेंगनौपाल जिला म्यांमार सीमा से जुड़ा हुआ है, और इस क्षेत्र में उग्रवादी गतिविधियों में वृद्धि हो रही है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इन उग्रवादियों के पास से विभिन्न हथियारों के अलावा बड़ी मात्रा में नकद राशि और वाहनों की बरामदी हुई है, जो उनकी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में उपयोग हो रही थीं। यह कार्रवाई राज्य में सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
मणिपुर में उग्रवाद और कानून-व्यवस्था:
मणिपुर में पिछले कुछ वर्षों से उग्रवादी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। मणिपुर के कई हिस्सों में उग्रवादी समूहों द्वारा हिंसा और आतंकवाद फैलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर म्यांमार सीमा के पास। सरकार ने इन गतिविधियों पर काबू पाने के लिए मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा बलों को सक्रिय किया है।
मणिपुर पुलिस की इस हालिया कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि सरकार उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार उग्रवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने और राज्य में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
लोकसभा में मणिपुर के राष्ट्रपति शासन पर चर्चा, बजट के मसलों पर बहस, और मणिपुर पुलिस की सुरक्षा कार्रवाई यह सब दर्शाता है कि राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और उसके प्रशासनिक निर्णय भारतीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं, और संसद में इन पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। लोकसभा का यह सत्र निश्चित रूप से मणिपुर के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर प्रभाव डालेगा।
इस समय, जब मणिपुर में सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर गंभीर चर्चा हो रही है, यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है कि वह राज्य की राजनीतिक स्थिति को स्थिर करने के लिए उचित कदम उठाए।