BCCI की नजरअंदाजी पर करुण नायर के फैंस भड़क गए, जन्मदिन बधाई न मिलने से हुआ सोशल मीडिया बवाल

भारत में क्रिकेट का सर्वोच्च शासी निकाय, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI ), हर क्रिकेटर के साथ समान व्यवहार करने का दावा करता है। लेकिन 6 दिसंबर को बीसीसीआई के एक निर्णय ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस दिन पांच भारतीय क्रिकेटरों का जन्मदिन था, लेकिन बीसीसीआई ने केवल चार को ही जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। सबसे खास बात यह रही कि करुण नायर को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया, जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट में ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं।
करुण नायर की पहचान और प्रदर्शन
करुण नायर ने 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में अपनी पहली सेंचुरी को ट्रिपल सेंचुरी में बदला था, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके बाद भी, उन्हें कुछ मैचों के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। वह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन टीम में वापसी नहीं मिल पाई है। उनका लगातार अच्छा प्रदर्शन उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए चुने गए दल में वापस लाया, लेकिन वे फिर भी टीम में टिक नहीं पाए।
Here's wishing @Jaspritbumrah93, @imjadeja, @ShreyasIyer15 and @rpsingh a very happy birthday 🎂🥳#TeamIndia pic.twitter.com/GAn1m2zZkH
— BCCI (@BCCI) December 6, 2025
जिन्हें बीसीसीआई ने दी जन्मदिन की बधाई
बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर जशप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, श्रेयस अय्यर और चयन समिति सदस्य आरपी सिंह को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। ये सभी या तो वर्तमान भारतीय टीम के सक्रिय सदस्य हैं या फिर टीम से जुड़े महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। बुमराह और जडेजा वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही वनडे श्रृंखला का हिस्सा हैं, जबकि श्रेयस अय्यर चोट से उबर रहे हैं। हालांकि, करुण नायर को इस सूची में शामिल नहीं किया गया, जिससे उनके साथ भेदभाव के सवाल उठने लगे।
8 साल बाद मिली वापसी का मौका, लेकिन फिर टीम से बाहर
इस साल भारत की टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया, जहां शुबमन गिल कप्तान थे। नायर को घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन के कारण 8 साल बाद टीम में शामिल किया गया। हालांकि, उन्होंने इंग्लैंड में खेले गए चार मैचों में केवल एक अर्धशतकीय पारी खेली, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इस तरह उनकी वापसी बहुत अधिक लंबी नहीं चली। यह दिखाता है कि बीसीसीआई की नजरों में वह टीम का स्थायी हिस्सा बनने में सफल नहीं हो पाए।
बीसीसीआई का यह कदम करुण नायर के प्रति भेदभाव के रूप में देखा जा रहा है, जो इस बात पर सवाल उठाता है कि क्या वास्तव में हर क्रिकेटर को समान सम्मान और मान्यता मिलती है। करुण नायर जैसे खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उन्हें नजरअंदाज करना उचित नहीं माना जा रहा। यह विवाद बीसीसीआई के ऊपर दबाव बढ़ा रहा है कि वह सभी खिलाड़ियों के साथ निष्पक्ष और समान व्यवहार सुनिश्चित करे। क्रिकेट प्रेमी और विशेषज्ञ भी इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं कि खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और समर्थन से ही खेल में उत्कृष्टता बढ़ेगी।
