Flexi Cap Vs Multi Cap Mutual Funds: नए निवेशकों के लिए बड़ी खबर किस फंड में लगाएं पैसा जिससे मिले सुरक्षित रिटर्न और शांति से बढ़े निवेश

Flexi Cap Vs Multi Cap Mutual Funds: शेयर बाजार में अनिश्चितता होने के बावजूद निवेशकों की म्यूचुअल फंड्स में रुचि कम नहीं हुई है। हर महीने एसआईपी के जरिए हजारों करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड्स में लगाए जा रहे हैं। खासकर बड़े निवेशक लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप फंड्स की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
फ्लेक्सी कैप और मल्टी कैप में क्या है अंतर
फ्लेक्सी कैप फंड्स को अपने कुल निवेश का कम से कम 65 प्रतिशत इक्विटी और उससे जुड़े साधनों में लगाना अनिवार्य होता है। वहीं मल्टी कैप फंड्स को कम से कम 75 प्रतिशत निवेश इक्विटी में करना होता है। फ्लेक्सी कैप में फंड मैनेजर को किसी भी कैटेगरी में निवेश करने की छूट होती है जबकि मल्टी कैप फंड में हर कैटेगरी में 25 प्रतिशत निवेश जरूरी होता है।
फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्यों मिलती है स्थिरता
मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच ऐसा पोर्टफोलियो जिसमें लार्ज कैप और मिड कैप स्टॉक्स की हिस्सेदारी ज्यादा हो वह अधिक स्थिरता प्रदान करता है। लार्ज कैप स्टॉक्स से स्थिरता मिलती है जबकि मिड कैप स्टॉक्स से मध्यम स्तर की ग्रोथ मिलती है। फ्लेक्सी कैप फंड्स फंड मैनेजर को इसी तरह के संतुलन की आज़ादी देते हैं।
मल्टी कैप फंड्स में ज्यादा जोखिम लेकिन ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन
मल्टी कैप फंड्स में लार्ज मिड और स्मॉल कैप में बराबर निवेश करना होता है जिससे जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन इसका फायदा यह है कि किसी एक कैटेगरी पर निर्भरता नहीं होती और विविधता ज्यादा मिलती है। जो निवेशक अधिक जोखिम लेने को तैयार हैं उनके लिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है।
नए निवेशकों के लिए कौन सा विकल्प है सही
अगर आप नए निवेशक हैं और इक्विटी में कदम रखना चाहते हैं तो फ्लेक्सी कैप फंड्स आपके लिए ज्यादा सुरक्षित और समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आप पहले से कुछ अनुभव रखते हैं और रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं तो मल्टी कैप फंड्स से बेहतर डाइवर्सिफिकेशन मिल सकता है।