बस 12 महीने में बदल दीजिए अपनी क्रेडिट किस्मत – जानिए वो तीन सरल राज!

अगर आप कभी भी लोन लेना चाहते हैं या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर ही चेक करता है। यह स्कोर आपकी वित्तीय जिम्मेदारी का आईना होता है। अच्छा स्कोर होने पर बैंक न केवल लोन पास करता है बल्कि कम ब्याज दरों पर सुविधा भी देता है। वहीं खराब स्कोर होने पर लोन या कार्ड रिजेक्ट कर दिया जाता है। लेकिन घबराइए नहीं, अगर अभी आपका स्कोर खराब है तो उसे सुधारना बिल्कुल संभव है।
सबसे पहले करें अपनी रिपोर्ट की जांच
क्रेडिट स्कोर सुधारने की दिशा में पहला कदम है – अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ना। कई बार रिपोर्ट में ऐसी गलतियां होती हैं जो आपने की ही नहीं। जैसे कि समय पर भुगतान के बावजूद पेंडिंग दिखाया गया हो। या फिर किसी पुराने अकाउंट की जानकारी गलत हो। इन त्रुटियों को सही करवाने के लिए आप सीधे क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क कर सकते हैं। एक बार जब गलतियों को सुधार लिया जाता है तो स्कोर अपने आप बेहतर होने लगता है।
क्रेडिट का इस्तेमाल रखें सीमित
यदि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो यह जरूरी है कि आप उसकी लिमिट का 30% से अधिक इस्तेमाल न करें। मान लीजिए कि आपके पास ₹2 लाख की लिमिट है तो आपको ₹60,000 से ज़्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। ज्यादा खर्च करने से यह संदेश जाता है कि आप वित्तीय रूप से असंतुलित हैं। इसके अलावा अगर आपके पास कई प्रकार की क्रेडिट लाइनों जैसे कि पर्सनल लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड हैं और आप उनका सही तरीके से प्रबंधन कर रहे हैं, तो इससे भी स्कोर को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
समय पर भुगतान है सबसे अहम
आपका स्कोर तभी सुधरता है जब आप हर महीने समय पर EMI या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते हैं। एक भी बार पेमेंट मिस करने से स्कोर पर बड़ा असर पड़ता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पुराने और लंबे समय से चल रहे क्रेडिट कार्ड्स को बंद न करें। इनकी लंबी अवधि आपके वित्तीय अनुशासन को दर्शाती है और स्कोर को मजबूत करती है।
एक साल में दिखेगा सुधार
अगर आप ऊपर बताई गई बातों का ईमानदारी से पालन करें तो 12 महीनों के भीतर ही आपके क्रेडिट स्कोर में स्पष्ट सुधार दिखने लगेगा। बेहतर स्कोर मिलने के बाद न केवल बैंक लोन देने को तैयार रहते हैं बल्कि आप कम ब्याज दर पर होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन भी आसानी से ले सकते हैं। साथ ही क्रेडिट कार्ड पर अधिक लिमिट भी मिलती है। मतलब – वित्तीय स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम।