इंग्लैंड की शर्मनाक हार पर बायकॉट का प्रहार, लगातार गलत फैसलों ने टीम को बर्बादी की तरफ धकेला

एशेज टेस्ट सीरीज के पहले मैच में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इस हार के बाद इंग्लैंड टीम पर सवाल तेज हो गए हैं. पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट ने टीम की सोच और उसके प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि टीम बार बार बेवकूफी भरी गलतियां दोहरा रही है और इसी वजह से मैच हाथ से फिसल गया.
बॉयकॉट का कड़ा संदेश और इंग्लैंड की तकनीकी चूक
बॉयकॉट ने द टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा कि जब कोई टीम एक जैसी गलतियां दोहराकर टेस्ट मैच हारती है तो उसे गंभीरता से लेना मुश्किल हो जाता है. इंग्लैंड ने पर्थ की तेज और उछालभरी पिच पर पहली पारी में अच्छा गेंदबाजी प्रदर्शन किया और 40 रन की बढ़त भी हासिल की. लेकिन दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने फिर निराश किया. टीम केवल 164 रन पर ढेर हो गई जिससे मैच का रुख पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया की ओर मुड़ गया.

बल्लेबाजों को डांट और गलत शॉट चयन की आलोचना
बॉयकॉट ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर खास तौर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि डकेट को भले ही अच्छी गेंद मिली लेकिन पोप ने दूसरी बार अपना विकेट गैर जिम्मेदारी से फेंक दिया. वह ऑफ स्टंप से बाहर बेहद चौड़ी गेंद पर ड्राइव खेलने के लालच में फंस गए. यह साफ नजर आ रहा था कि गेंदबाज उन्हें गलती करवाना चाहता है. इसके तुरंत बाद हैरी ब्रूक बिना खाता खोले आउट हो गए और इंग्लैंड खुशी से निराशा की ओर तेजी से गिर गया.
ट्रैविस हेड की पारी और इंग्लैंड की रणनीतिक भूलें
बॉयकॉट ने ट्रैविस हेड की तेज पारी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जैसे ही हेड ने लय पकड़ी इंग्लैंड की पकड़ कमजोर हो गई. टीम ने लगातार बाउंसर फेंकने की गलती दोहराई जिससे खेल ऑस्ट्रेलिया के कब्जे में जाता रहा. मैच के कठिन पलों में बल्लेबाजों गेंदबाजों और कप्तान को तेजी से सोचना पड़ता है लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ी एक ही तरीके पर टिके रहते हैं और यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है.
भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ क्यों पिछड़ रही इंग्लैंड
बॉयकॉट के अनुसार इंग्लैंड की हार का सबसे बड़ा कारण खराब निर्णय क्षमता और अति आत्मविश्वास है. चाहे गलत गेंद फेंकना हो या गलत शॉट खेलना टीम का रवैया शीर्ष टीमों के सामने कमजोर पड़ जाता है. भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों से लगातार हार इंग्लैंड के लिए चेतावनी है. यदि टीम अपनी सोच रणनीति और तकनीक में सुधार नहीं करती तो एशेज की बाकी सीरीज भी उनके लिए मुश्किल साबित हो सकती है.
