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नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को राहत, ED की चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान नहीं लिया

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर वह चार्जशीट पर आगे की कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि जांच प्रक्रिया से जुड़े कुछ अहम कानूनी पहलुओं का पालन नहीं किया गया है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी चाहे तो अपनी जांच जारी रख सकती है। इस फैसले को गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से यह मामला राजनीतिक और कानूनी बहस का केंद्र बना हुआ था।

चार्जशीट में किन-किन नेताओं के नाम थे शामिल

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस से जुड़े कई अन्य नाम शामिल किए थे। इनमें वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन कंपनी और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम प्रमुख थे। ईडी का आरोप था कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा किया। ईडी ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध बताते हुए धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत होने का दावा किया था। वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार यह कहती रही कि यह पूरा मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

अदालत का रुख और ईडी को मिली छूट

शिकायतकर्ता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संदीप लंबा ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट ने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अदालत ने यह जरूर कहा कि ईडी ने डॉ. स्वामी की शिकायत के आधार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी, और इसी कारण चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया गया। अदालत के अनुसार, एफआईआर के अभाव में इस स्तर पर मामला टिक नहीं सकता। हालांकि, कोर्ट ने ईडी पर कोई रोक नहीं लगाई है। ईडी स्वतंत्र एजेंसी है और यदि वह चाहे तो एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ा सकती है। यानी कानूनी रूप से एजेंसी के पास अब भी कार्रवाई के रास्ते खुले हुए हैं।

कांग्रेस का सरकार पर तीखा हमला

अदालत के इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि “सत्य की जीत हुई है।” पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार की दुर्भावनापूर्ण मंशा और अवैध कार्रवाइयों का पूरी तरह पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस का कहना है कि अदालत ने यह साफ कर दिया है कि यंग इंडियन मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण थी। पार्टी ने यह भी कहा कि बिना एफआईआर के कोई मामला नहीं बनता और यही बात अदालत ने स्वीकार की है। कांग्रेस के अनुसार, पिछले एक दशक से मुख्य विपक्षी दल को राजनीतिक प्रतिशोध और बदले की भावना के तहत निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन अब यह पूरी साजिश देश के सामने उजागर हो गई है।

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