बांग्लादेश में लगातार हिंदू युवाओं की हत्या, अमृत मंडल और बजेंद्र बिस्वास की हत्या से सनसनी

बांग्लादेश में पिछले 10 दिनों के भीतर हिन्दू युवाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं ने फिर से देश में चिंता बढ़ा दी है। माइमेंसिंह जिले में तीसरे हिन्दू युवक बजेन्द्र बिस्वास की हत्या की खबर सामने आई है। यह वही जिला है जहां 18 दिसंबर को हिन्दू युवक दिपु चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर सार्वजनिक स्थल पर जलाया गया था। बजेन्द्र बिस्वास की हत्या ने एक बार फिर से हिंसा की लहर को बढ़ा दिया है और स्थानीय समुदाय में डर का माहौल बन गया है।
बजेन्द्र बिस्वास की हत्या की जानकारी
रिपोर्ट के अनुसार, बजेन्द्र बिस्वास, जो कि अंसार पैरा मिलिट्री फोर्स के सदस्य थे, को उनके सहयोगी ने एक गारमेंट फैक्ट्री में भालुका, माइमेंसिंह में गोली मारकर हत्या कर दी। अंसार बांग्लादेश की एक पैरा मिलिट्री फोर्स है, जो गाँवों की सुरक्षा और रक्षा का कार्य करती है। बजेन्द्र की उम्र लगभग 42 वर्ष बताई गई है। हत्या के पीछे की वजह का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह घटना उस लगातार बढ़ती हिंसा की श्रृंखला का हिस्सा मानी जा रही है जिसमें हिन्दू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
"দাদা গুলি করে দেই?" বলেই গুলি চালালো! প্রাণ গেল বজেন্দ্র বিশ্বাস নামের এক আনসার সদস্যের!#AllEyesOnBangladeshiHindus pic.twitter.com/pkCQAf9qu5
— Avro Neel Hindu 🕉️🇧🇩 (@avroneel80) December 30, 2025
अमृत मंडल की हत्या तीन दिन पहले
इससे पहले, लगभग तीन दिन पहले ढाका में एक और हिन्दू युवक अमृत मंडल की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमृत मंडल पर कथित रूप से वसूली (extortion) का आरोप था। इन घटनाओं ने हिन्दू समुदाय के लोगों में असुरक्षा और भय का माहौल पैदा कर दिया है। हिन्दू युवाओं की लगातार हत्या और उनके घरों को जलाने की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गई है।
हिंसा और समुदाय में बढ़ता डर
बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने स्थानीय और वैश्विक स्तर पर चेतावनी की घंटी बजा दी है। लगातार हत्या और डर का माहौल यह संकेत देता है कि हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। बजेन्द्र बिस्वास और अमृत मंडल की हत्याओं के बाद समुदाय में आक्रोश और भय दोनों महसूस किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश सरकार को तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करने होंगे और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे, ताकि हिन्दू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यक समूहों को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।