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Beetroot Kanji Recipe: कंजी का रंग बताएगा तैयारी का राज, तीन दिन में तैयार होगा ये स्वास्थ्य स्वास्थ्य का खजाना

Beetroot Kanji Recipe: सर्दियों के मौसम में लोग बीटरूट का खूब सेवन करते हैं क्योंकि इसमें विटामिन खनिज फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं. लेकिन क्या आपने बीटरूट कंजी का स्वाद चखा है. बीटरूट कंजी एक पारंपरिक भारतीय प्रोबायोटिक पेय है जो खासकर सर्दियों में बहुत लोकप्रिय होता है. इस पेय का स्वाद खट्टा और हल्का मसालेदार होता है जो शरीर को गर्माहट देने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी है. यह घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है और इसे रोजाना पीने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं.

 बीटरूट कंजी के लिए जरूरी सामग्री 


बीटरूट कंजी बनाने के लिए बहुत कम सामग्री की जरूरत होती है और यह सब आमतौर पर हर रसोई में मिल जाती है. इसे बनाने के लिए दो बीटरूट डेढ़ छोटी चम्मच काली सरसों का पाउडर आधी छोटी चम्मच काला नमक स्वादानुसार सामान्य नमक आधी छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर एक लीटर पानी और एक कांच का जार आवश्यक होता है. कांच का जार इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इससे कंजी का स्वाद बिल्कुल सही बना रहता है. स्टील या प्लास्टिक के जार का उपयोग करने से कंजी का स्वाद बदल सकता है इसलिए कांच का जार ही सबसे उपयुक्त माना जाता है.

 बीटरूट कंजी बनाने की आसान विधि

कंजी बनाने की प्रक्रिया बहुत सरल होती है. सबसे पहले बीटरूट को अच्छी तरह धोकर छीलें और उसे पतले लंबे टुकड़ों में काट लें. जितने पतले टुकड़े होंगे उतनी जल्दी कंजी तैयार होगी. एक बड़े बर्तन में एक लीटर पानी लें और उसमें सरसों पाउडर काला नमक सामान्य नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें. अब इसमें कटे हुए बीटरूट डालकर मिश्रण को दोबारा मिलाएं. इसके बाद इस मिश्रण को कांच के जार में भरें और उसे किसी साफ सूती कपड़े से ढककर बांध दें. जार को पूरी तरह बंद न करें ताकि किण्वन की प्रक्रिया सही से हो सके.

पहला पैराग्राफ. सर्दियों में बीटरूट कंजी का बढ़ता चलन सर्दियों के मौसम में लोग बीटरूट का खूब सेवन करते हैं क्योंकि इसमें विटामिन खनिज फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं. लेकिन क्या आपने बीटरूट कंजी का स्वाद चखा है. बीटरूट कंजी एक पारंपरिक भारतीय प्रोबायोटिक पेय है जो खासकर सर्दियों में बहुत लोकप्रिय होता है. इस पेय का स्वाद खट्टा और हल्का मसालेदार होता है जो शरीर को गर्माहट देने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी है. यह घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है और इसे रोजाना पीने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं. दूसरा पैराग्राफ. बीटरूट कंजी के लिए जरूरी सामग्री बीटरूट कंजी बनाने के लिए बहुत कम सामग्री की जरूरत होती है और यह सब आमतौर पर हर रसोई में मिल जाती है. इसे बनाने के लिए दो बीटरूट डेढ़ छोटी चम्मच काली सरसों का पाउडर आधी छोटी चम्मच काला नमक स्वादानुसार सामान्य नमक आधी छोटी चम्मच लाल मिर्च पाउडर एक लीटर पानी और एक कांच का जार आवश्यक होता है. कांच का जार इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इससे कंजी का स्वाद बिल्कुल सही बना रहता है. स्टील या प्लास्टिक के जार का उपयोग करने से कंजी का स्वाद बदल सकता है इसलिए कांच का जार ही सबसे उपयुक्त माना जाता है. तीसरा पैराग्राफ. बीटरूट कंजी बनाने की आसान विधि कंजी बनाने की प्रक्रिया बहुत सरल होती है. सबसे पहले बीटरूट को अच्छी तरह धोकर छीलें और उसे पतले लंबे टुकड़ों में काट लें. जितने पतले टुकड़े होंगे उतनी जल्दी कंजी तैयार होगी. एक बड़े बर्तन में एक लीटर पानी लें और उसमें सरसों पाउडर काला नमक सामान्य नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें. अब इसमें कटे हुए बीटरूट डालकर मिश्रण को दोबारा मिलाएं. इसके बाद इस मिश्रण को कांच के जार में भरें और उसे किसी साफ सूती कपड़े से ढककर बांध दें. जार को पूरी तरह बंद न करें ताकि किण्वन की प्रक्रिया सही से हो सके. चौथा पैराग्राफ. धूप में किण्वन की प्रक्रिया इस जार को अब तीन से चार दिनों के लिए धूप में रख दें. हर दिन इसे एक बार हिलाना जरूरी होता है ताकि किण्वन समान रूप से हो सके. तीन से चार दिनों में इसका रंग गहरा जामुनी हो जाता है जो दर्शाता है कि कंजी तैयार हो गई है. अगर मौसम अधिक ठंडा हो तो किण्वन में एक या दो दिन अतिरिक्त लग सकते हैं. तैयार कंजी को छानकर किसी बोतल में भर लें और इसे ठंडा करके पियें. कंजी को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे फ्रिज में रखें. पांचवां पैराग्राफ. बीटरूट कंजी के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ बीटरूट कंजी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी पेय माना जाता है. यह पाचन शक्ति को सुधारता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाता है. इसके प्रोबायोटिक गुण इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं. यह शरीर को डिटॉक्स करता है और रक्त को शुद्ध करता है. नियमित सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है और मेटाबोलिज्म बेहतर होता है. इसके एंटीऑक्सिडेंट त्वचा की रंगत को निखारते हैं और चेहरे पर ग्लो लाते हैं. यह एक प्राकृतिक पेय है जिसे रोजाना पिया जाए तो शरीर अंदर से स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है. अगर चाहें तो मैं इसी विषय पर शीर्षक या और हेल्दी रेसिपी भी लिख दूं. Is this conversation helpful so far? ChatGPT's out of space for saved memories New memories won’t be added until you make space. Learn more Manage ChatGPT can make mistakes. Check important info. See Co

धूप में किण्वन की प्रक्रिया


इस जार को अब तीन से चार दिनों के लिए धूप में रख दें. हर दिन इसे एक बार हिलाना जरूरी होता है ताकि किण्वन समान रूप से हो सके. तीन से चार दिनों में इसका रंग गहरा जामुनी हो जाता है जो दर्शाता है कि कंजी तैयार हो गई है. अगर मौसम अधिक ठंडा हो तो किण्वन में एक या दो दिन अतिरिक्त लग सकते हैं. तैयार कंजी को छानकर किसी बोतल में भर लें और इसे ठंडा करके पियें. कंजी को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे फ्रिज में रखें.

 बीटरूट कंजी के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ


बीटरूट कंजी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी पेय माना जाता है. यह पाचन शक्ति को सुधारता है और आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाता है. इसके प्रोबायोटिक गुण इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं. यह शरीर को डिटॉक्स करता है और रक्त को शुद्ध करता है. नियमित सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है और मेटाबोलिज्म बेहतर होता है. इसके एंटीऑक्सिडेंट त्वचा की रंगत को निखारते हैं और चेहरे पर ग्लो लाते हैं. यह एक प्राकृतिक पेय है जिसे रोजाना पिया जाए तो शरीर अंदर से स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है.

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