तेलंगाना सरकार का बड़ा फैसला – गणेश और दुर्गा पंडालों को मिलेगा मुफ्त बिजली का तोहफ़ा

तेलंगाना सरकार ने इस साल गणेश चतुर्थी और दुर्गा नवरात्रि के अवसर पर पंडालों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। सरकार ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दौरान 11 दिनों और दुर्गा नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक पंडालों में लगाई गई रोशनी और सजावट पर आने वाला बिजली का बिल आयोजकों से नहीं लिया जाएगा। इस निर्णय से उत्सव मनाने वाले आयोजक मंडलों को बड़ी राहत मिलेगी और लोग बिना किसी आर्थिक बोझ के श्रद्धा और उल्लास के साथ त्योहार मना सकेंगे। सरकार का यह कदम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराओं को प्रोत्साहन देने की दिशा में सराहनीय माना जा रहा है।
श्रद्धा और उत्साह के साथ शुरू हुआ गणेशोत्सव
बुधवार को तेलंगाना में गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चविथि भी कहा जाता है, पूरे राज्य में श्रद्धा और उत्साह के साथ शुरू हुआ। गांवों से लेकर शहरों तक लाखों गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गईं। राजधानी हैदराबाद समेत अन्य हिस्सों में लोगों ने अपने घरों और पंडालों में भगवान गणपति की प्रतिमाएं विराजमान कीं और विधिवत पूजा-अर्चना की। बारिश के बावजूद तेलंगाना और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में उमड़ी और गणेश जी की स्थापना की। हर ओर ढोल-नगाड़ों, आरती और भक्ति गीतों की गूंज ने माहौल को धार्मिक रंग में रंग दिया।
खैरताबाद में 69 फुट की ‘विश्व शांति महाशक्ति गणपति’
तेलंगाना की धार्मिक धरोहर में खास स्थान रखने वाला खैरताबाद गणपति पंडाल इस बार भी श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण बना हुआ है। यहां पर इस वर्ष 69 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे ‘विश्व शांति महाशक्ति गणपति’ नाम दिया गया है। आयोजकों ने बताया कि इस प्रतिमा के माध्यम से विश्वभर में शांति, समृद्धि और सद्भावना का संदेश देने का प्रयास किया गया है। हर साल की तरह इस बार भी खैरताबाद गणपति देखने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस प्रतिमा की भव्यता और कारीगरी भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है और यह पंडाल तेलंगाना के गणेशोत्सव की शान बन गया है।
सुरक्षा और विसर्जन की व्यापक तैयारी
त्योहार को शांति और सुव्यवस्था के साथ संपन्न कराने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। विशेषकर हैदराबाद में भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। गणेशोत्सव के अंतिम दिन पारंपरिक रूप से मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए हुसैन सागर झील समेत अन्य तालाबों और सरोवरों में हजारों गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी की गई है। प्रशासन का उद्देश्य है कि उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। इस प्रकार सरकार की योजनाओं और भक्तों की श्रद्धा के साथ इस बार का गणेशोत्सव और नवरात्रि और भी भव्य होने जा रही है।
