TPG के साथ साझेदारी में TCS करेगा 1 GW हाईटेक डेटा सेंटर का निर्माण, निवेश 6.5 बिलियन डॉलर

भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डेटा सेंटरों का युग अब नई गति पकड़ने वाला है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने अपने हाइपर-स्केल एआई डेटा सेंटर प्रोजेक्ट, हाइपरवोल्ट, को साकार करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए टीसीएस ने वैश्विक प्राइवेट इक्विटी दिग्गज टीपीजी के साथ साझेदारी की है। दोनों पार्टनर मिलकर लगभग ₹18,000 करोड़ की इक्विटी निवेश करेंगे। इसमें टीपीजी अकेले $1 बिलियन (लगभग ₹8,820 करोड़) निवेश करेगा और इस परियोजना में 27.5% से 49% हिस्सेदारी रखेगा। यह साझेदारी भारत के एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
भारत में बनेगा 1 गीगावाट हाई-टेक डेटा हब
टीसीएस ने लगभग 40 दिन पहले ही डेटा सेंटर व्यवसाय में प्रवेश की घोषणा की थी। कंपनी का लक्ष्य एक अत्याधुनिक AI डेटा सेंटर बनाना है जिसकी क्षमता 1 गीगावाट (GW) होगी। इस परियोजना में कुल निवेश $6.5 बिलियन (₹57,600 करोड़) होगा। हाइपरवोल्ट के डेटा सेंटर नवी मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई में विकसित किए जाएंगे और इन्हें अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा। जमीन की खरीदारी टीसीएस, टाटा समूह या नई संपत्तियों से भी की जा सकती है।
पूंजी संरचना और टीसीएस की रणनीति
टीसीएस के सीईओ और एमडी कृष्णवासन ने बताया कि दोनों साझेदार मिलकर लगभग $2 बिलियन की कोर इक्विटी में निवेश करेंगे, जबकि बाकी धन ऋण के रूप में जुटाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीपीजी के अलावा किसी अन्य इक्विटी पार्टनर की जरूरत नहीं है। इस परियोजना से टीसीएस की पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) कम होगा और शेयरधारकों के लिए मजबूत रिटर्न मिलेगा। यह रणनीति टीसीएस को वित्तीय रूप से अधिक मजबूती प्रदान करेगी।
टाटा समूह का सुपर इकोसिस्टम होगा मजबूत
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि यह साझेदारी AI की बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे टीसीएस को एंड-टू-एंड AI समाधान प्रदान करने में मदद मिलेगी। साथ ही टाटा समूह के केबल नेटवर्क, नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्रों का इकोसिस्टम भी हाइपरवोल्ट के साथ और मजबूत होगा। यह पूरे समूह की टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर ताकत को बढ़ाएगा।
भारत के लिए यह परियोजना क्यों है गेम-चेंजर?
वर्तमान में भारत की कुल डेटा सेंटर क्षमता 1.5 गीगावाट है, जिसे 2030 तक 10 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इस क्षेत्र में अब तक ₹7.8 लाख करोड़ (लगभग $94 बिलियन) से अधिक निवेश आ चुका है। डेटा लोकलाइजेशन की नीतियां और AI के तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण हाइपरवोल्ट भारत का सबसे बड़ा AI डेटा हब बन सकता है। यह परियोजना देश को डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में एक बड़ा कदम साबित होगी।
