देश

Waqf Amendment Act पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई! क्या आएगा कोई अंतरिम आदेश?

Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन कानून पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि अदालत इस मामले में आज कोई अंतरिम आदेश पारित कर सकती है। इसमें वक्फ संपत्तियों को डीनोटिफाई करने पर रोक कलेक्टर की जांच के दौरान नए प्रावधान लागू न करने और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की एंट्री पर भी आदेश आने की संभावना है। बुधवार को हुई दो घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो हफ्तों में जवाब मांगा है और कानून पर रोक लगाने से इनकार करते हुए देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताई है।

कानून के खिलाफ दाखिल हुईं 72 याचिकाएं और संविधानिक सवाल

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस कानून के खिलाफ आई 72 याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल राजीव धवन अभिषेक मनु सिंघवी और सी यू सिंह जैसे वरिष्ठ वकीलों ने दलीलें पेश कीं। उनका आरोप था कि यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और संविधान के खिलाफ है। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया लेकिन कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर सरकार से सफाई मांगी है।

Waqf Amendment Act पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई! क्या आएगा कोई अंतरिम आदेश?

विवादित बिंदु और कोर्ट की सख्त टिप्पणी

कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की क्या जरूरत है और क्या सरकार मंदिर बोर्डों में मुसलमानों को भी शामिल करने की अनुमति देगी। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि जो ऐतिहासिक वक्फ संपत्तियां सैकड़ों साल पुरानी हैं उनके कागज कहां से लाएंगे। कोर्ट ने यह भी पूछा कि वक्फ बाय यूजर की व्यवस्था हटाने से क्या असर होगा और कोर्ट द्वारा घोषित वक्फ संपत्तियां भी डीनोटिफाई की जाएंगी या नहीं। इन सवालों के जवाब में सरकार ने कहा कि कलेक्टर जांच करेगा लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ।

कपिल सिब्बल की दलीलें और कोर्ट की प्रतिक्रिया

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से पूछा कि जब 300 साल पहले रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ही नहीं थी तो उन मस्जिदों के दस्तावेज कहां से लाएंगे। उन्होंने गैर-मुस्लिमों की वक्फ बोर्ड में एंट्री को असंवैधानिक बताया। सरकार ने कहा कि बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों की संख्या दो से ज्यादा नहीं होगी लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब 22 सदस्यों की परिषद में सिर्फ 8 मुस्लिम होंगे तो धार्मिक पहचान का क्या होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों को डीनोटिफाई करने की अनुमति गंभीर परिणाम ला सकती है।

अंतरिम आदेश और भविष्य की सुनवाई का रास्ता

कोर्ट ने इशारा किया है कि वह इस मामले में एक अंतरिम आदेश पारित कर सकता है क्योंकि इस कानून के कुछ प्रावधान गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। कोर्ट का कहना है कि आम तौर पर कानून बनने के तुरंत बाद वह हस्तक्षेप नहीं करता लेकिन इस मामले में अपवाद बनाना पड़ सकता है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह अपनी बात और विस्तार से रखना चाहते हैं और अगर कोर्ट चाहे तो रोजाना सुनवाई की जा सकती है। इसके बाद कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को दोबारा सुनवाई तय की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button