Sonam Wangchuk ने 15 दिन का Hunger Strike समाप्त किया, Leh में बढ़ते तनाव और तोड़फोड़ के बीच आया कदम

जमीनी स्तर के पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक सोनम वांगचुक, जिन्होंने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 15 दिन का अनशन किया था, ने बुधवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। उनका यह निर्णय तब आया जब लेह में हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ के कारण माहौल और तनावपूर्ण हो गया था। वांगचुक ने कहा कि हिंसा ने आंदोलन को नुकसान पहुँचाया है और यह लद्दाख की युवा पीढ़ी की भावनाओं का प्रकट रूप है, जिसे उन्होंने “Generation-Z क्रांति” करार दिया।
युवा पीढ़ी के लिए सोनम का संदेश
सोनम वांगचुक ने कहा कि उन्हें लेह में हुई हिंसा देखकर गहरा दुःख हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हिंसा केवल कुछ समर्थकों का परिणाम नहीं, बल्कि पूरे लद्दाख के लोगों की भावनाओं का प्रतीक है। वांगचुक ने युवाओं से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता न अपनाएँ, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में किए गए प्रयासों को यह रोक सकता है। उन्होंने कहा कि आज कोई लोकतांत्रिक मंच उपलब्ध नहीं है, इसलिए शांतिपूर्ण संघर्ष ही सबसे प्रभावी मार्ग है।
VERY SAD EVENTS IN LEH
My message of peaceful path failed today. I appeal to youth to please stop this nonsense. This only damages our cause.#LadakhAnshan pic.twitter.com/CzTNHoUkoC— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 24, 2025
शांति और संवाद का संदेश
अनशन समाप्त करते हुए सोनम वांगचुक ने जोर देकर कहा कि सरकार ने शांति का संदेश दिया है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके अपनाएँ ताकि आंदोलन के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके। उनका मानना है कि हिंसा और तोड़फोड़ केवल आंदोलन की छवि को नुकसान पहुंचाएगी और सरकार से संवाद के रास्ते को मुश्किल बनाएगी।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें और आगे की योजना
लेह और लद्दाख में प्रदर्शन कर रहे लोगों की चार मुख्य मांगें हैं: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देना, संवैधानिक सुरक्षा के लिए 6वीं अनुसूची के तहत अधिकार सुनिश्चित करना, कारगिल और लेह के लिए अलग लोकसभा सीटें बनाना, और सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना। इन मांगों पर अगली बैठक 6 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित की जाएगी। याद रहे कि 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A के रद्द होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग संघ शासित प्रदेश बनाया गया था। उस समय सरकार ने आश्वासन दिया था कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया जाएगा।