Uttar Pradesh के छोटे जिलों ने मचाई धूम! जानिए किसने लगाई 1247 प्रतिशत की छलांग और क्यों बड़े शहर हुए पीछे

Uttar Pradesh के छोटे और मध्यम जिलों ने अब आर्थिक मोर्चे पर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू कर दी है। हाल ही में आई राज्य सरकार की जिला-वार जीडीपी रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। संभल से लेकर चंदौली तक कई जिलों ने निर्यात के क्षेत्र में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है।
कौशांबी और जालौन का बड़ा कमाल
रिपोर्ट के मुताबिक कौशांबी ने निर्यात में 1247.21 प्रतिशत की अद्भुत बढ़ोतरी दर्ज की है। वहीं जालौन ने 998.51 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ हासिल की है। ये आंकड़े बताते हैं कि राज्य के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के स्थानीय उत्पाद अब वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं।
महोबा और चंदौली के उत्पादों की विदेश यात्रा
चंदौली अपनी धान की खेती के लिए जाना जाता है और यहां से चावल का निर्यात तेजी से बढ़ा है। वहीं महोबा की प्रसिद्ध पान की पत्तियां अब विदेशों तक अपनी खुशबू फैला रही हैं। फतेहपुर के आलू आधारित खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ी है और रामपुर की कढ़ाई वाली रंगीन पोशाकें विदेशों में धूम मचा रही हैं।
बड़ी औद्योगिक जगहों पर चिंता की लकीर
जहां छोटे जिलों की चमक बढ़ी है वहीं कुछ पारंपरिक बड़े औद्योगिक केंद्रों में गिरावट देखी गई है। मुजफ्फरनगर में निर्यात में 45.09 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। मेरठ में 24 प्रतिशत और बुलंदशहर में 46.33 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। फर्रुखाबाद और कुशीनगर जैसे जिलों में भी हालात खराब हुए हैं।
सरकार के सामने चुनौती क्या है
सरकार के लिए ये आंकड़े मिलेजुले संकेत हैं। छोटे जिलों का उभार विकास की सकारात्मक तस्वीर पेश करता है। लेकिन बड़े औद्योगिक केंद्रों की गिरावट के पीछे की वजहों का विश्लेषण करना और जरूरी कदम उठाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगा ताकि उत्तर प्रदेश की कुल निर्यात क्षमता को मजबूती दी जा सके।