बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग विवाद! JMM ने दी अल्टीमेटम, 15 अक्टूबर तक मांगी साफ-साफ स्थिति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ग्रैंड अलायंस में सीट शेयरिंग का मसला अब तक तय नहीं हो सका है। सभी सहयोगी दलों ने अपने-अपने सीटों के दावे पेश किए हैं। कई दौर की बैठकों के बावजूद अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अलायंस को अल्टीमेटम दिया है कि वे 15 अक्टूबर तक सीट शेयरिंग के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
JMM की स्थिति और चेतावनी
JMM की केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि उनके उम्मीदवार नामांकन दाखिल करने के लिए तैयार हैं और अगर उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिली तो वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में ग्रैंड अलायंस को समर्थन देने के बाद बिहार में भी अलायंस को अपने वादे का पालन करना चाहिए। JMM का केंद्रीय समिति 15 अक्टूबर को रांची में बैठक करेगी और उससे पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि उन्हें बिहार में कितनी सीटें मिल रही हैं और कौन-कौन सी सीटें दी जा रही हैं।
पिछले चुनावों का हवाला
सुप्रिया भट्टाचार्य ने RJD को याद दिलाया कि 2019 और 2024 के चुनावों में उन्हें सम्मानजनक सीटें दी गई थीं, जिसमें कैबिनेट की भूमिका भी शामिल थी। 2019 में RJD ने सात सीटें जीतीं, जिसमें केवल एक उम्मीदवार चत्रा से जीता और JMM ने अलायंस के अनुसार उसे पांच साल के लिए मंत्री पद दिया। 2024 में RJD को छह सीटें दी गईं और चार उम्मीदवार जीतकर झारखंड सरकार में शामिल हुए। यह याद दिलाकर JMM ने अपने हक की मांग को मजबूत किया।
स्वतंत्र चुनाव लड़ने की क्षमता
JMM ने यह भी स्पष्ट किया कि वह एक स्वतंत्र राजनीतिक दल के रूप में बिना किसी बंधन के चुनाव लड़ने में सक्षम है। उनके पास मजबूत उम्मीदवार तैयार हैं और वे फ़ॉर्म A और B भरना जानते हैं। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के खिलाफ कड़ा मुकाबला करने और शानदार जीत हासिल करने में सक्षम हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे अलायंस में कोई भ्रम नहीं चाहते और इसलिए 15 अक्टूबर तक स्थिति स्पष्ट होने की आवश्यकता है।
12 सीटों की मांग और बैठकें
JMM ने बिहार में 12 विधानसभा सीटों पर अपना दावा किया है। हाल ही में 7 अक्टूबर को पटना में तेजस्वी यादव के आवास पर JMM और RJD नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में झारखंड मंत्री सुदीब्य कुमार सोनू और JMM नेता विनोद पांडे मौजूद रहे। इस बैठक का मकसद सीटों के बंटवारे को लेकर स्पष्टता लाना और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना था। JMM की मांग और स्थिति ने ग्रैंड अलायंस में चुनावी समीकरणों को और जटिल बना दिया है।