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साई सुदर्शन ने टेस्ट मैच में रचा इतिहास, सबसे ज्यादा गेंदों का सामना कर टीम को बचाने की कोशिश

गुवाहाटी में चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत की टीम को दक्षिण अफ्रीका ने जीत के लिए लगभग असंभव लक्ष्य दिया है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने 549 रन बनाने का टारगेट रखा है। चार दिन की खेल समाप्ति तक भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और दोनों ओपनर्स यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल विकेट खो बैठे। इसके बाद कुलदीप यादव ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन टीम की मुश्किलें कम नहीं हुईं। भारत की टीम इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है।

साई सुदर्शन का डटा हुआ संघर्ष

मैच के अंतिम और पांचवें दिन जब खेल शुरू हुआ तो कुलदीप यादव, ध्रुव जुड़ेल और कप्तान ऋषभ पंत भी जल्दी-जल्दी आउट हो गए। लेकिन साई सुदर्शन मैदान पर डटे रहे और टीम का संघर्ष जारी रखा। जब चाय का समय हुआ, तब साई सुदर्शन और रवींद्र जडेजा क्रीज पर थे। दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए अभी पांच विकेट लेने हैं और दो पूरे सेशन बाकी हैं। इस कठिन परिस्थितियों में साई सुदर्शन की हिम्मत और धैर्य टीम के लिए किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं है।

साई सुदर्शन ने टेस्ट मैच में रचा इतिहास, सबसे ज्यादा गेंदों का सामना कर टीम को बचाने की कोशिश

सिरीज़ में सबसे अधिक गेंद खेलने का रिकॉर्ड साई के नाम

इस टेस्ट सिरीज़ में साई सुदर्शन ने एक खास उपलब्धि हासिल की है। चाय के समय तक साई ने 138 गेंदों का सामना किया था, जो इस सिरीज़ में किसी भी भारतीय बल्लेबाज से सबसे ज्यादा है। हालांकि उनका रन कम था, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत और संयम के साथ विपक्षी गेंदबाजों का सामना किया। साई ने अपने इस परफॉर्मेंस से साबित किया है कि वे दक्षिण अफ्रीका की आक्रमक गेंदबाजी के खिलाफ टिके रह सकते हैं और टीम के लिए लंबा खेल सकते हैं।

सिरीज़ में साई सुदर्शन का महत्व

सिरीज़ के लिए साई सुदर्शन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्हें लगातार टेस्ट मैच खेलने के मौके मिल रहे हैं, लेकिन अब तक वे खुद को पूरी तरह साबित नहीं कर पाए हैं। इस मैच में उनका प्रदर्शन उनके करियर के लिए बहुत अहम होगा। अगर वे यहां भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तो बीसीसीआई चयन समिति उनकी जगह पर पुनर्विचार कर सकती है। इसलिए यह सिरीज़ उनके लिए एक दांव का खेल साबित हो सकती है।

आगे की राह और साई पर निगाहें

टीम इंडिया के अगले टेस्ट सिरीज़ में खेल प्रदर्शन के आधार पर साई सुदर्शन की जगह पर ध्यान दिया जाएगा। बीसीसीआई और चयनकर्ता उनके प्रदर्शन पर कड़ी निगाह रखेंगे। इस मैच में साई की बल्लेबाजी से ही उनकी भविष्य की राह तय होगी। फिलहाल साई के पास टीम को हार से बचाने का सुनहरा मौका है, लेकिन यह काम आसान नहीं होगा। दो पूरे सेशन बचा है और टीम के सामने एक बड़ा लक्ष्य है। ऐसे में साई सुदर्शन की जुझारूपन और संयम ही टीम को मुश्किलों से निकालने में मदद कर सकता है।

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