RBI MPC मीटिंग 2025: क्या इस बार फिर कटेगा रेपो रेट amid महंगाई और टैरिफ चिंताओं?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज, 1 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजे शुरू होगी। इस बैठक में RBI द्वारा रेपो रेट में बदलाव और अन्य वित्तीय निर्णयों पर चर्चा की जाएगी। आर्थिक विशेषज्ञों और आम जनता की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि देश में बढ़ते मुद्रास्फीति और वित्तीय दबाव के बीच रिज़र्व बैंक के निर्णय का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
विशेष ध्यान इस बात पर है कि क्या RBI फिर से रेपो रेट में कटौती करेगा। वर्ष 2025 में अब तक हुई सभी MPC बैठकों में RBI ने लगातार रेपो रेट में कमी की है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती महंगाई और टैरिफ संबंधी चिंताओं को देखते हुए RBI आम जनता को राहत देने के लिए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
RBI MPC बैठक लाइव कैसे देखें
RBI की इस महत्वपूर्ण बैठक को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। बैठक सुबह 10 बजे शुरू होगी और सभी इच्छुक लोग RBI के आधिकारिक अकाउंट से सीधे बैठक के दौरान लिए गए निर्णय सुन सकते हैं। यह आम जनता और निवेशकों के लिए अहम मौका है कि वे रेपो रेट, बैंकों के ऋण दरों और वित्तीय नीतियों से जुड़ी जानकारी सीधे जान सकें।
बैठक से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो घर के ऋण (Home Loan) की ईएमआई में कितना फर्क पड़ेगा, इसका अनुमान पहले से लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, floating rate loans रखने वाले लोग सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।
रेपो रेट कटौती और प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI रेपो रेट 5.5 प्रतिशत से घटाकर 5.25 प्रतिशत कर सकता है। रेपो रेट सीधे तौर पर बैंकों के ऋण और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं पर असर डालता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक अपनी ब्याज दरें घटाने में आम जनता को राहत देते हैं।
इससे आम आदमी के होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की ईएमआई में कमी आती है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में सबसे कम होम लोन ब्याज दर 7.35 प्रतिशत है। यदि रेपो रेट कटौती के बाद इसे 7.10 प्रतिशत कर दिया जाता है, तो 30 लाख, 50 लाख या 75 लाख रुपये के लोन की ईएमआई में स्पष्ट कमी देखने को मिलेगी।
रेपो रेट कटौती का आम आदमी पर असर
रेपो रेट में कमी का सबसे बड़ा फायदा floating rate loans रखने वाले ग्राहकों को होगा। यदि बैंक अपनी ब्याज दर में कटौती करता है, तो गृह ऋण की ईएमआई कम होगी और परिवार का मासिक बजट आसान होगा। इसके अलावा, व्यवसायिक लोन और क्रेडिट कार्ड पर भी ब्याज की लागत घटेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि आज की बैठक में लिए गए निर्णय से वित्तीय बाजारों और शेयर बाजार पर भी असर पड़ेगा। इसलिए निवेशक और आम लोग दोनों ही RBI MPC की बैठक के परिणाम पर ध्यान दे रहे हैं। यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह कर्ज के बोझ को कम करने और आर्थिक गति बढ़ाने का अवसर भी साबित हो सकता है।