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रेलवे सप्लायर कंपनी Airfloa Rail IPO सब्सक्रिप्शन से पहले ही बना हॉट टॉपिक, GMP में बड़ा उछाल

भारतीय रेलवे को सप्लाई करने वाली कंपनी एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का 91 करोड़ रुपये का आईपीओ 11 सितंबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। यह बुक-बिल्ट इश्यू 15 सितंबर तक निवेशकों के लिए उपलब्ध रहेगा और 18 सितंबर को बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होगा। कंपनी के आईपीओ ने लिस्टिंग से पहले ही अनलिस्टेड मार्केट में जबरदस्त हलचल मचा दी है। दरअसल, इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में तेज उछाल आया है, जो निवेशकों की बड़ी रुचि का संकेत है।

ग्रे मार्केट प्रीमियम और संभावित लिस्टिंग प्राइस

कंपनी का आईपीओ 65.1 लाख शेयरों का होगा, जिसकी कुल कीमत 91.1 करोड़ रुपये है। इस इश्यू में ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है। शेयरों का प्राइस बैंड 133–140 रुपये तय किया गया है। वहीं, आईपीओ वॉच के मुताबिक एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का GMP 170 रुपये पर चल रहा है। अगर शेयर का प्राइस 140 रुपये पर फिक्स होता है, तो मौजूदा GMP के आधार पर इसकी लिस्टिंग करीब 90% प्रीमियम पर हो सकती है। हालांकि, यह प्रीमियम 120% से अधिक तक पहुंच चुका है, लेकिन सेबी के नियमों के अनुसार एसएमई आईपीओ की लिस्टिंग 90% प्रीमियम से ज्यादा पर नहीं हो सकती।

रेलवे सप्लायर कंपनी Airfloa Rail IPO सब्सक्रिप्शन से पहले ही बना हॉट टॉपिक, GMP में बड़ा उछाल

आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग

एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए करेगी। इसमें सबसे ज्यादा 59.3 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए खर्च होंगे। वहीं, 13.7 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) पर, और 6 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में लगाए जाएंगे। इसके अलावा, जुटाई गई रकम का एक हिस्सा सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस फंडिंग से कंपनी अपने कारोबार को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

कंपनी का इतिहास और कारोबार

1998 में स्थापित एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी भारतीय रेलवे के लिए रोलिंग स्टॉक कंपोनेंट्स और इंटीरियर प्रोजेक्ट्स तैयार करती है। कंपनी की सेवाएं सिर्फ रेलवे तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर को भी अपनी सेवाएं देती है। इसका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो काफी बड़ा है, जिसमें सीटिंग, क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम्स, दरवाजे और टर्नकी इंटीरियर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। कंपनी वंदे भारत एक्सप्रेस, आरआरटीएस और आगरा–कानपुर मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में भी काम कर चुकी है। अपने अनुभव और मजबूत बिजनेस मॉडल की वजह से एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी को निवेशकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

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