मणिपुर में फिर बढ़ा राष्ट्रपति शासन, 6 महीने का विस्तार तय, अमित शाह शुक्रवार को पेश करेंगे प्रस्ताव

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी शुक्रवार को राज्यसभा में प्रस्ताव पेश करेंगे। इस प्रस्ताव के माध्यम से अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने तक बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी मांगेंगे। यह अवधि 13 अगस्त 2025 से लागू होगी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की स्थिति बनी रहेगी। केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में शांति व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो सकी है, जिसके कारण राष्ट्रपति शासन को बढ़ाना आवश्यक हो गया है।
राज्यसभा में नोटिस में क्या कहा गया?
राज्यसभा द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव का नोटिस दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। नोटिस में कहा गया है:
“यह सदन राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत 13 फरवरी 2025 को मणिपुर के संदर्भ में जारी घोषणा की निरंतरता को 13 अगस्त 2025 से आगे छह महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान करता है।”
इस प्रस्ताव के पास होने के बाद राष्ट्रपति शासन की अवधि राज्य में आगामी छह महीनों तक बढ़ जाएगी और राज्य की विधायिका अभी स्थगित ही रहेगी। केंद्र का फोकस राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने और सभी वर्गों के बीच शांति स्थापित करने पर है।
President's rule in Manipur has been extended for a period of six months, effective from August 13, 2025. pic.twitter.com/KK2QKk4F6F
— ANI (@ANI) July 25, 2025
मणिपुर में हिंसा और अब तक की स्थिति
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई मेइती और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इसे निलंबित कर दिया गया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में सामान्य हालात बनाने के लिए समय की आवश्यकता है, इसलिए राष्ट्रपति शासन को आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य भी चल रहे हैं।
केंद्र की प्राथमिकता शांति बहाली
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर केंद्र की प्राथमिकता राज्य में शांति और विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। गृह मंत्रालय का कहना है कि सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाली, प्रभावित लोगों के पुनर्वास, और हिंसा से निपटने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार मणिपुर में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और राज्य में सामान्य स्थिति को पुनः स्थापित करने के लिए राज्य प्रशासन और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम कर रही है।
यह उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ने के बाद सरकार को राज्य में शांति बहाली के प्रयासों को गति देने का अवसर मिलेगा, जिससे मणिपुर में रहने वाले लोगों का जीवन सामान्य हो सके। मणिपुर की स्थिति में सुधार आने पर ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली और विधानसभा चुनाव कराना संभव हो पाएगा।