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Pratiksha: बच्चन परिवार का वो घर जहाँ हर दीवार सुनाती है एक यादगार दास्तान

मुंबई के जुहू इलाके में स्थित ‘Pratiksha’ बंगला सिर्फ एक घर नहीं बल्कि बच्चन परिवार की यादों का खजाना है। इस घर ने चार पीढ़ियों की कहानियों को अपनी दीवारों में समेटा है। जब भी कोई अमिताभ बच्चन का प्रशंसक मुंबई आता है तो वह इस बंगले को देखने जरूर आता है।

‘शोले’ की सफलता के बाद मिला नया आशियाना

साल 1976 में ‘शोले’ की भारी सफलता के बाद अमिताभ बच्चन ने इस बंगले को खरीदा था। यह पहला घर था जिसे उन्होंने और जया बच्चन ने मिलकर खरीदा था। वह अपने माता-पिता और बच्चों के साथ इस घर में रहने आए थे। उस समय श्वेता दो साल की थीं और अभिषेक कुछ महीनों के थे।

बंगले के नाम के पीछे की कविता

‘प्रतीक्षा’ नाम का एक खास मतलब है जो हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति से लिया गया है। उन्होंने लिखा था “स्वागत सबके लिए है पर नहीं है किसी के लिए प्रतीक्षा”। इस कविता के जरिए उन्होंने जीवन की निरंतरता और आगे बढ़ने का संदेश दिया था।

खुशियों और भावनाओं की साझेदारी

इसी प्रतीक्षा में श्वेता और अभिषेक बड़े हुए। अमिताभ बच्चन ने श्वेता के 50वें जन्मदिन पर ब्लॉग में लिखा कि वह पहली बार जब प्रतीक्षा में आई थीं तब सिर्फ दो साल की थीं। अभिषेक और ऐश्वर्या की शादी भी इसी प्रतीक्षा में हुई थी। उस दिन मीडिया से बचने के लिए चारों ओर पर्दे डाले गए थे।

बंगले से भावनात्मक विदाई और नई शुरुआत

तेजी बच्चन की मृत्यु के बाद अमिताभ बच्चन ने प्रतीक्षा को बंद कर दिया और जया के साथ जलसा में शिफ्ट हो गए। उन्होंने अभी भी अपने माता-पिता के कमरे वैसे ही रखे हैं जैसे वे थे। हाल ही में अमिताभ बच्चन ने यह बंगला अपनी बेटी श्वेता को गिफ्ट कर दिया और बताया कि वह बेटे और बेटी में फर्क नहीं करते।

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