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PM मोदी और अमित शाह ने की राष्ट्रपति से खास मुलाकात, क्या कोई बड़ा फैसला होने वाला है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। देश के दो शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं की इस विशेष मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बैठक की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें राष्ट्रपति मुर्मू के साथ पीएम मोदी और अमित शाह को एक साथ देखा जा सकता है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की यात्रा से लौटने के बाद पहली बार राष्ट्रपति से मिले हैं।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की घोषणा, अटकलें तेज

21 जुलाई 2025 को उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव की तारीखों की घोषणा की। चुनाव 9 सितंबर को कराए जाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की यह बैठक उप-राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। क्या यह मुलाकात उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हुई थी या फिर किसी और संवेदनशील मुद्दे पर—यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उठे सवाल

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा देना भी काफी चौंकाने वाला रहा। उन्होंने भले ही अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य को बताया, लेकिन इसके बाद राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। किसी बड़े फैसले की भूमिका तैयार की जा रही है या कोई आंतरिक असहमति थी—ऐसी चर्चाएं भी सामने आईं। धनखड़ का कार्यकाल अभी काफी समय शेष था, इसलिए उनका इस्तीफा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पीएम मोदी की पूर्व बैठक भी बनी थी सुर्खियों में

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति मुर्मू से मिले हों। इससे पहले भी 16 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। उस समय भी इस मुलाकात को लेकर कयास लगाए गए थे कि संसद सत्र से पहले सरकार किसी बड़े विधेयक को पारित करवाने की रणनीति पर विचार कर रही है। अब जबकि उप-राष्ट्रपति पद का चुनाव नजदीक है और विपक्षी दल भी सक्रिय हैं, ऐसे में यह ताजा बैठक नई राजनीतिक दिशा का संकेत हो सकती है।

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