Ola Electric Share: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर, भावेश अग्रवाल ने हिस्सेदारी बेची

Ola Electric के शेयरों में पिछले एक साल से लगातार गिरावट ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है। गुरुवार को कंपनी के शेयर लगभग 4 प्रतिशत गिरकर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुँच गए। इससे कंपनी के सालाना नुकसान का आंकड़ा लगभग 70 प्रतिशत तक पहुँच गया। इस कमजोर प्रदर्शन के बीच सबसे बड़ी चर्चा तब शुरू हुई जब कंपनी के प्रमोटर और संस्थापक भाविश अग्रवाल ने खुले बाजार में अपने कुछ हिस्सेदारी (stake) को बेचना शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने पिछले दो दिनों में ₹200 करोड़ से अधिक के शेयर बेचे। इस समय जब कंपनी पहले से ही दबाव में है, प्रमोटर द्वारा हिस्सेदारी घटाने की खबर ने बाजार में भरोसे को और कम कर दिया और निवेशक इसे कंपनी के भविष्य के लिए नकारात्मक संकेत मान रहे हैं।
कमजोर प्रदर्शन और बाजार की प्रतिक्रिया
Ola Electric ने इस बात को स्पष्ट किया है कि भाविश अग्रवाल ने अपने हिस्सेदारी को केवल लगभग ₹260 करोड़ के कर्ज की अदायगी के लिए बेचा है और इसका कंपनी के व्यवसाय या दीर्घकालिक रणनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह भी कहा कि हिस्सेदारी बेचने के बाद भी भाविश अग्रवाल के पास लगभग 34 प्रतिशत स्वामित्व रहेगा। बावजूद इसके, बाजार में सवाल उठ रहे हैं कि जब कंपनी लगातार नुकसान में है, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही और प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, तो प्रमोटर शेयर क्यों बेच रहे हैं। इससे निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है और भविष्य की रणनीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
शेयर प्रदर्शन और चुनौतियां
वास्तविकता यह है कि Ola Electric के शेयरों का प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा है। पिछले महीने में कंपनी के शेयर लगभग 25 प्रतिशत, पिछले तीन महीनों में लगभग 50 प्रतिशत और एक साल में लगभग 70 प्रतिशत गिर चुके हैं। इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में मांग में कमी, बढ़ती लागत, लगातार नुकसान और लाभप्रदता का स्पष्ट समयसीमा न होने जैसी चुनौतियों ने कंपनी पर दबाव डाला है। निवेशक अब कंपनी की भविष्य की रणनीति, फंडिंग की जरूरतें और लाभप्रदता हासिल करने की योजनाओं के बारे में स्पष्टता चाहते हैं।
प्रमोटर की हिस्सेदारी बिक्री और निवेशकों की चिंता
कुल मिलाकर, प्रमोटर की हिस्सेदारी बिक्री केवल निजी कर्ज की अदायगी के लिए बताई जा रही है, लेकिन कमजोर शेयर प्रदर्शन के बीच यह कदम बाजार में और अधिक अनिश्चितता और आशंका पैदा कर रहा है। निवेशकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि कंपनी भविष्य में किस दिशा में जाएगी, फंडिंग की योजना क्या है और कब तक लाभप्रदता हासिल की जा सकती है। इस समय निवेशकों की नजरें कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और सुधारात्मक कदमों पर टिकी हैं। अगर Ola Electric अपने व्यवसाय मॉडल, प्रतिस्पर्धा का मुकाबला और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने में सफल नहीं हुई, तो कंपनी के लिए आने वाले समय में और भी चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
