लोकसभा में प्रस्तुत होगा नया आयकर विधेयक, जमानत पर वक्फ संशोधन विधेयक की रिपोर्ट भी रखी जाएगी

आज संसद में जोरदार हलचल होने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में नया आयकर विधेयक प्रस्तुत करेंगी। इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) की रिपोर्ट भी लोकसभा और राज्यसभा में रखी जाएगी। लोकसभा के कार्यसूची के अनुसार, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल इस रिपोर्ट और विधेयक से संबंधित साक्ष्यों को सदन में प्रस्तुत करेंगे। यह रिपोर्ट राज्यसभा में भी पेश की जाएगी।
आज के दिन को ध्यान में रखते हुए, यह कहा जा सकता है कि आज संसद का बजट सत्र का पहला चरण खत्म हो रहा है। वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंप दी गई थी। इस रिपोर्ट में कुल 655 पृष्ठ हैं, जिन्हें समिति ने बहुमत से स्वीकार किया। इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव भी शामिल हैं। विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक करार दिया और आरोप लगाया कि यह कदम वक्फ बोर्ड्स को नष्ट कर देगा।
वक्फ संशोधन विधेयक पर बारीकियाँ:
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इस विधेयक को आधुनिकता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उनका कहना था कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करेगा। भाजपा के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को जॉइंट कमेटी ने स्वीकार किया, जबकि विपक्षी दलों के संशोधनों को अस्वीकार कर दिया। विपक्ष का कहना था कि इस विधेयक में सभी 44 प्रावधानों में संशोधन प्रस्तावित किया गया है, जिनमें से हर एक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना था। उनका दावा था कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक मामलों में “जबरदस्ती” हस्तक्षेप करेगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को कमजोर करेगा।
विधेयक का संदर्भ और उद्देश्य:
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को 8 अगस्त, 2024 को जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी के पास भेजा गया था। यह विधेयक लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ एक्ट, 1995 में संशोधन करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन से जुड़ी समस्याओं और चुनौतियों को हल किया जा सके।
विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि इसमें पारदर्शिता बढ़े और सार्वजनिक हित में उनका सही तरीके से उपयोग किया जा सके। इस विधेयक से वक्फ बोर्ड्स को सशक्त बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि उनकी संपत्तियों का बेहतर तरीके से प्रबंधन हो सके।
विपक्षी दलों का विरोध:
विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाला बताया। उनका कहना था कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सरकारी नियंत्रण में ले आएगा, जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड्स के प्रबंधन को कमजोर करेगा और उनके अधिकारों में कमी करेगा।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों का कहना था कि 44 प्रावधानों में किए गए संशोधन, वक्फ संपत्तियों के धार्मिक उद्देश्यों से संबंधित हैं और इनमें सरकार की दखलअंदाजी को बढ़ावा मिलेगा, जो मुस्लिम समाज के अधिकारों का उल्लंघन करेगा।
आयकर विधेयक:
वहीं, लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला आयकर विधेयक भी चर्चा का विषय बनेगा। यह विधेयक केंद्रीय मंत्रिमंडल से पहले ही मंजूरी प्राप्त कर चुका है और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। इस विधेयक में आयकर प्रणाली में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
निर्मला सीतारमण इस विधेयक के जरिए आयकर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रस्ताव रख सकती हैं। इस विधेयक का उद्देश्य करदाताओं को सुविधाएं प्रदान करना और टैक्स चोरी को रोकना है। इसके साथ ही यह विधेयक कर प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ नई पद्धतियों और तकनीकी सुधारों का भी प्रस्ताव कर सकता है।
बजट सत्र का पहला चरण:
आज संसद का बजट सत्र का पहला चरण समाप्त हो रहा है। संसद के इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है, जिनमें आर्थिक सुधार, वक्फ संशोधन विधेयक, और आयकर विधेयक प्रमुख हैं। इस सत्र के खत्म होने के बाद संसद का अगला सत्र आगामी महीनों में होगा, जिसमें इन विधेयकों पर और गहन चर्चा हो सकती है।
आज का दिन संसद के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होगी। एक ओर आयकर विधेयक संसद में पेश किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जाएगा। दोनों विधेयक देश के विभिन्न वर्गों पर प्रभाव डाल सकते हैं और आगामी दिनों में इन पर गहन चर्चा की संभावना है। इस संदर्भ में आज का दिन संसद में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।