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क्या Mercer की रिपोर्ट में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए करियर अवसरों की बात कही गई?

निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक परामर्श फर्म Mercer की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को औसतन 9 प्रतिशत वेतन वृद्धि की उम्मीद है। कंपनियां अब कर्मचारियों को न केवल वित्तीय पुरस्कार देने पर ध्यान दे रही हैं, बल्कि उनके करियर में उन्नति और बेहतर कार्य अनुभव के अवसर भी उपलब्ध करा रही हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस अवधि में कर्मचारियों के बोनस, उनके कौशल और प्रदर्शन पर अधिक जोर दिया जाएगा। Mercer ने बुधवार को जारी अपनी 2026 सैलरी सर्वे रिपोर्ट में यह अनुमान साझा किया है।

प्रदर्शन और बोनस पर विशेष जोर

रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के निर्णय में कई महत्वपूर्ण कारक शामिल हैं, जैसे व्यक्तिगत प्रदर्शन, मुद्रास्फीति का प्रभाव और नौकरी बाजार में कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति। इस सर्वे में 1500 से अधिक कंपनियों और 8000 से अधिक पदों का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि अब कंपनियों द्वारा छोटे अवधि वाले प्रोत्साहनों यानी प्रदर्शन आधारित बोनस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, कंपनियां ऐसे कौशल आधारित संगठनात्मक ढांचे की ओर बढ़ रही हैं, जिससे दुर्लभ और आवश्यक कौशल वाले कर्मचारियों को बेहतर मान्यता और पारिश्रमिक मिल सके।

कौन से उद्योगों में होगी सबसे अधिक वेतन वृद्धि

Mercer इंडिया की कंसल्टिंग लीडर मल्टी के.एस. ने कहा, “सर्वे से पता चलता है कि भारत की कंपनियां वेतन वृद्धि की योजना बनाते समय लागत दबाव और टॉप टैलेंट को बनाए रखने के बीच संतुलन बनाए रखेंगी।” रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में सबसे अधिक वेतन वृद्धि हाई-टेक और ऑटोमोटिव उद्योग में होने की संभावना है। हाई-टेक उद्योग में कर्मचारियों को लगभग 9.3 प्रतिशत वेतन वृद्धि मिल सकती है, जबकि ऑटोमोटिव उद्योग में यह वृद्धि 9.5 प्रतिशत तक हो सकती है। इस तरह इन क्षेत्रों के कर्मचारियों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ भविष्य के लिए बेहतर अवसर भी मिलेंगे।

नई श्रम कानूनों से मजबूत होंगे सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ

इसके अलावा, IT, IT-एनेबल्ड सर्विसेज और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) में काम करने वाले कर्मचारी कर्मचारी कल्याण और लाभों में आगे बने हुए हैं। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उत्पादकता बढ़ाने की मांग ने कौशल आधारित वेतन संरचना की प्रवृत्ति को तेज कर दिया है। Mercer की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई श्रम कानूनों के लागू होने से कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ मजबूत होंगे। इससे न केवल कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा बल्कि उनका समग्र कल्याण और कार्य अनुभव भी बेहतर होगा।

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