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142 ओवर में खत्म हुआ Melbourne टेस्ट, Labuschagne की आउट कैच बनी बड़ी चर्चा का कारण

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे एशेज़ टेस्ट मैच ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में यह मैच सिर्फ दो दिनों में ही समाप्त हो गया। मैच के दूसरे दिन मर्नस लाबुशेन की विकेट को लेकर एक बड़ी विवादित स्थिति पैदा हो गई। लाबुशेन अपनी दूसरी पारी में 18 गेंदों में 8 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन उनके आउट होने को लेकर विवाद था कि क्या जो रूट ने कैच पूरी तरह से पकड़ा था या नहीं। इस एक कैच को कई लोग ऑस्ट्रेलिया की हार की वजह मान रहे थे।

लाबुशेन का विवादित कैच

घटना ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 18वें ओवर में हुई। जोश टोंग ने गेंदबाजी शुरू की और पहली ही गेंद पर लाबुशेन के बल्ले का किनारा गया, जो स्लिप्स की तरफ चला। जो रूट स्लिप्स में खड़े थे और उन्होंने कैच पकड़ा। पूरी इंग्लैंड टीम ने अपील की, लेकिन लाबुशेन ने तुरंत अपनी पारी रोक दी क्योंकि उन्हें संदेह था कि कैच साफ नहीं था। ऑन-फील्ड अंपायर ने इस निर्णय को थर्ड अंपायर के पास भेजा।

थर्ड अंपायर ने विभिन्न एंगल से फुटेज की समीक्षा की और निष्कर्ष निकाला कि जो रूट की उंगलियां गेंद के नीचे थीं, इसलिए लाबुशेन को आउट करार दिया गया। हालांकि लाबुशेन इस निर्णय से नाखुश दिखाई दिए और निराशा के साथ ड्रेसिंग रूम लौटे। इस विवाद ने मैच में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया और ऑस्ट्रेलिया की हार की राह आसान कर दी।

तेज गेंदबाजों की दबदबे वाली पारी

मेलबर्न में चौथा एशेज़ टेस्ट सिर्फ 142 ओवर में ही समाप्त हुआ। टेस्ट क्रिकेट में एक दिन में लगभग 90 ओवर होते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों ने मैच पर पूरी तरह से कब्जा रखा। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 152 रन पर समाप्त हुई, जबकि इंग्लैंड की टीम केवल 110 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इससे ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 42 रन की बढ़त मिली।

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 132 रन बनाए, जिससे इंग्लैंड को 175 रन का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड ने यह लक्ष्य आसानी से पूरा कर लिया और चार विकेट से जीत हासिल की। मैच की इस संक्षिप्त अवधि और तेज गेंदबाजों के दबदबे ने दर्शकों के लिए एक रोमांचक लेकिन विवादास्पद मुकाबला पेश किया।

क्या एक कैच ने तय किया मैच का नतीजा?

मर्नस लाबुशेन का वह कैच ऑस्ट्रेलिया की हार का निर्णायक पल माना जा रहा है। यदि वह कैच नहीं लिया जाता, तो ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम में और बदलाव हो सकते थे और इंग्लैंड को लक्ष्य तक पहुंचने में कठिनाई होती। हालांकि इंग्लैंड की टीम ने भी अपने तेज गेंदबाजों के दम पर पूरी पारी में दबदबा बनाए रखा। इस मैच ने यह दिखाया कि टेस्ट क्रिकेट में एक छोटा मोड़ या निर्णय भी मैच के नतीजे को पूरी तरह बदल सकता है।

इस मैच के बाद क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने पिच और अंपायरिंग को लेकर गंभीर बहस शुरू कर दी है। मैच भले ही सिर्फ दो दिन में समाप्त हुआ हो, लेकिन इसकी घटना और विवाद लंबे समय तक क्रिकेट चर्चा में बने रहेंगे।

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